सचिवालय संघ की हड़ताल पर बोले CM, जब मांगें मान ली तो ये क्यूं, इतना अधीर होना समझ से परे
देहरादून : सचिवालय संघ के कर्मचारियों की हड़ताल पर उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अपनाया है लेकिन सचिवालय संघ के कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हैं। वो आज फिर से सचिवालय में घुसने के लिए चले थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया जिसके बाद वो बाहर गेट पर धरने पर बैठ गए।
बीती देर शाम शासन द्वारा मंगलवार देर शाम नो वर्क नो पे का आदेश भी जारी किया गया लेकिन फिर भी सचिवालय संघ के कर्मचारी जबरन सचिवालय में घुस गए और उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाला। इसके बाद उन पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं अब सचिवालय संघ के कर्चारियों द्वारा हड़ताल करने के मामले पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब अधिकतर मांगें मान ली गईं तो फिर हड़ताल का मतलब नहीं समझ आता। सीएम ने कहा कि संघ का इतना अधीर होना समझ से परे है।
आपको बता दें कि बीते दिन हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर सचिवालय परिसर में बिना अनुमति के भीड़ लेकर सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी-अधिकारियों को जबरन बल पूर्वक बाहर निकालकर, उन्हें सरकारी कार्य करने से रोकने, शासकीय कार्यो में व्यवधान उत्पन करने, सचिवालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्दो का प्रयोग करने और सचिवालय परिसर में एकत्रित होकर मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि अपनी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी मुखर हैं और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किए हैं। अपनी मांगों पर सहमति बनने के बावजूद शासनादेश जारी न होने से नाराज सचिवालय संघ ने 24 नवंबर से आंदोलन शुरू किया।इसके तहत पहले दो घंटे और फिर चार घटे का कार्य बहिष्कार किया गया। सोमवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में सचिवालय कार्मिकों के मसले न आने से आक्रोशित सचिवालय कर्मियों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया।
मंगलवार सुबह सभी हड़ताली कर्मी सचिवालय परिसर स्थित एटीएम चैक पर एकत्र हुए और सचिवालय प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि मांगें पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। जिसके बाद दे र रात कोतवाली पुलिस ने हड़ताल करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।