एससीईआरटी और डायटों के रिक्त पदों पर सेवा देने का आम शिक्षकों को भी मिले अधिकार,अंकित जोशी ने उठायी बड़ी मांग
देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ के एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ० अंकित जोशी ने मांग की है कि एससीईआरटी और डायटों के रिक्त पदों को अनिवार्य स्थानांतरण के अंतर्गत सार्वजनिक कर आम शिक्षकों को इन संस्थानों में आने का अवसर नियमानुसार दिया जाए । विभाग एक ओर तो एससीईआरटी और डायटों में कार्यरत शिक्षकों को विद्यालयों में स्थानांतरित कर देता है तो एक आम शिक्षक को भी इन संस्थानों में आने का अधिकार मिलना चाहिए। विभाग द्वारा इन संस्थानों के रिक्त पदों को भरने के लिए अलग से भी आवेदन मांगे गए थे लेकिन उसके बाद चयनित शिक्षकों की तैनाती आज तक लटका रखी है । विभाग इन संस्थानों के रिक्त अकादमिक पदों को भरने में पहले से ही दोहरी नीति अपनाता आया है, एक ओर तो वर्षों से इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को किसी भी विद्यालय में स्थानांतरित कर देता है और वहीं दूसरी ओर इन संस्थानों के रिक्त पदों को आम शिक्षक के लिए सार्वजनिक नहीं करता है । ऐसा प्रतीत होता है कि इन संस्थानों में निदेशक का पद केवल एक उच्च स्तरीय अधिकारी को खपाने के उद्देश्य से बनाया गया है जो लगभग पिछले 10 वर्षों से अस्तित्व में तो है लेकिन यह निदेशालय आज तक इन संस्थानों में कार्यरत कार्मिकों हेतु नियमावली या संवर्ग तक नहीं बना पाया है । विभाग आज तक निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा प्रेषित कोटिकरण के प्रस्ताव के अनुसार डायटों का न्यायपूर्ण कोटिकरण भी नहीं कर पाया है इससे यह विसंगति उत्पन्न हो गई है कि एससीईआरटी और डायटों से पिछले वर्ष सुगम से दुर्गम डायटों में स्थानांतरित किए गए शिक्षक इस वर्ष फिर से सुगम से दुर्गम की पात्रता सूची में आ जाएंगे ।