फॉरेस्ट गार्ड की लिखित परीक्षा में नकल कराएं जाने की पुष्टि,आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज,परीक्षा रद्द करने की मांग
देहरादून । रविवार को हुई फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गयी है,परीक्षा में कई माध्यमों से नकल कराए जाने की पुष्टि के बाद अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के साथ जो सालों से परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं उनके साथ ऐसा मज़ाक होता रहेगा कि इतनी बड़ी परीक्षा में धांधली की जाए और जो रोजगार पाने के सपने देख रहे हैं उनके सपने चकनाचूर हो जाए । उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार साल 2017 में फॉरेस्ट गार्ड के 1218 पदों के लिए विज्ञप्ति निकली…लेकिन एक के बाद एक कारणों के चलते ये परीक्षा दो साल तक हो नहीं हो पाई । रविवार को प्रदेश में 376 सेंटरों पर ये परीक्षा संपन्न हुई। एक लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। लेकिन परीक्षा समाप्त होते ही ये परीक्षा विवादों में आ गई। जिसपर अब आयोग ने मामले में जब तक जाँच रिपोर्ट नही आती है तब तक भर्ती प्रक्रिया में आगे कार्रवाई पर रोकने की बात कर रहा है,हालांकि आयोग अभी भी मानने को तैयार नही है कि परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। ओएमआर सीट वायरल होने के साथ ही जब एसटीएफ ने पड़ताल की तो पूरा नकल कराने नकल कराने के पूरे खेल का भंडा फोड़ हो गया। ओजस कैरियर कोचिंग सेंटर , नारसन के मुकेश सैनी, नारसन मंगलौर निवासी पंकज, संजय और सौरभ चार लोगों ने पांच से आठ लाख रूपए लेकर नकल कराई। एसटीएफ के छापे में ओजस कैरियर कोचिंग सेंटर से फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के पेपर भी पाए गए.. एसटीएफ ने हरिद्वार और पौड़ी में संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर लॉज कर दी है। साथ ही इन आरोपियों पर पहले भी एसे ही मामलों में पुलिस ने कार्रवाई की थी जिनपर पुलिस अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है…वहीं बताया जा रहा है कि सेंटरों से पुलिस को परीक्षा पत्र भी प्राप्त हुए । पुलिस के छापों के बाद चार आरोपी फरार चल रहे हैं। बहरहाल राज्य बनने के बाद फॉरेस्ट गार्ड की पहली भर्ती पर विवाद खडे़ होने से नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हजारों युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है ।अब देखना ये है कि परीक्षा आयोजित करने वाला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जांच रिपोर्ट आने के बाद किस तरह की कार्रवाई करता है ।
परीक्षा रद्द करने की मांग
फॉरेस्ट गार्ड की लिखित परीक्षा में नकल कराए जाने की पुष्टि के बाद शोसल मीडिया के माध्यम से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं । ऐसे में देखना ही होगा कि आखिरकार जब परीक्षा में नकल कराए जाने की पुष्टि कई जगहों पर हुई है तो सेवा अधीनस्थ चयन आयोग क्या परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लेता है । ताकि जो आशंका बड़े स्तर पर नकल कराए जाने की परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों को है वह दूर हो सके।