उत्तराखंड में बसों का सफर महंगा होने पर कांग्रेस का आरोप,हवाई जहाज से महंगा सरकार ने किया बसों का सफर
देहरादून । कोराना वायरस महामारी को देखते हुए त्रिवेंद्र कैबिनेट के द्धारा राज्यों की बसों में किराया दो गुने तीन गुने किए जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार ने हवाई जाहज से महंगा बसों का किराया कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि यदि कोई देहरादून से दिल्ली हवाई से जाएं जो उसे बस कि किराया से सस्ता हवाई सफर पड़ेगा,धस्माना का कहना जनता की कमर कोरोनावायरस महामारी के बाद पहले से ही टूटी पड़ी है। वही सरकार ने जनता पिक टूटी कमर पर लात मारने का काम किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ है और इसका विरोध भी करती है। वहीं कांग्रेस के आरोप पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि यह केवल कोराना वायरस महामारी के लिए,महामारी निपटते ही बसों को किराया कम कर दिया जाएगा।
कल हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था निर्णय
त्रिवेंद्र कैबिनेट की कल हुई कैबिनेट में सरकार ने प्रदेश में परिवहन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया, लेकिन परिवहन सेवा शुरू करने का साथ ही सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के साथ स्टेज कैरिज के तहत प्राइवेट बसों में सफर करने का महंगा कर दिया है। जिसके तहत अब उत्तराखंड में सफर करना दो से तीन गुना महंगा हो जाएगा । जी हां सरकार ने बसों में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत आधी ही सवारी बिठाने का निर्णय लिया है लेकिन इन्हीं आदि सवारियों से पूरी बस के सवारियों के बराबर का किराया वसूला जाएगा जिसके तहत बच्चों में प्रति किलोमीटर और प्रतिष्ठित के हिसाब से वसूला जाने वाला किराया प्रति सवारी दुगने किराए के रूप में देगा । साधारण बसों में जहां सवारियों को दोगुना किराया देना होगा वही उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में साधारण बसों में दोगुना किराया देने के साथ ही ऐसी बसों में डेढ़ गुना ज्यादा किराए तो वोल्वो बसों में 3 गुना ज्यादा किराए यात्रियों को देना होगा । सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती थी कि कैसे परिवहन सेवा को उत्तराखंड में शुरू किया जाए जिससे कि वाहन स्वामियों के साथ उत्तराखंड रोडवेज को घाटा ना हो इसके चलते सरकार ने निर्णय लिया है कि जब तक कोरोनावायरस का प्रकोप है और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा तब तक यात्रियों को दो से 3 गुना ज्यादा किराया देना होगा। ऐसे में देखना ही होगा कि सरकार के निर्णय के बाद कितनी जल्दी उत्तराखंड में परिवहन सेवा शुरू होती है ।