कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात,जोशीमठ प्रभावितों को रहात देने को लेकर हुई बातचीत,कांग्रेस नेताओं ने दिए सुझाव
देहरादून। जोशीमठ आपदा के चलते स्थानीय जनता को आ रही दिक्कत परेशानियों पर व्यापक विमर्श करने हेतु बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी की अगुवाई में उत्तराखंड कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री से मुलाकात की, प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व अध्यक्ष चकराता विधायक प्रीतम सिंह उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट प्रताप नगर से विधायक विक्रम नेगी पूर्व विधायक विजयपाल सजवान, राजकुमार ,उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, प्रभु लाल बहुगुणा, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, श्याम सिंह चौहान इत्यादि शामिल रहे। मुलाकात के दौरान जोशीमठ को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हुआ । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री से प्रीफैबरीकेटेड घर बनाने में तेजी लाने को कहा। रावत ने मुख्यमंत्री से मुआवजा भी तत्काल घोषित करने की मांग की। रावत ने मुख्यमंत्री को बताया की अपने मवेशियों का ठीक ढंग से रखरखाव ना होने की वजह से स्थानीय जनता का मनोबल टूटा हुआ है ऐसे में जिन लोगों के भी पास मवेशी हैं उन्हें जितना हो सके नजदीक ही विस्थापित किया जाए।रावत ने कहा जहां भी लोग बसाए जाएं उसे नए जोशीमठ का नाम दिया जाए क्योंकि स्थानीय जनता का जोशीमठ के साथ भावनात्मक नाता है। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री से सेना से मदद लेने की बात भी कही उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा की तत्काल प्रभाव से रक्षा मंत्री से बात करके कम से कम बड़े-बड़े टेंट का इंतजाम किया जा सकता है जब तक प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर्स पर काम शुरू नहीं हो जाता । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर की दिक्कतें मुख्यमंत्री को बताई। आर्य ने मुख्यमंत्री को बताया कि 2 साल पहले लगभग 38 परिवारों को शिफ्ट किया गया था परंतु आज तक उनकी सुध लेने के प्रशासन का कोई अधिकारी पलटकर तक नहीं गया। आर्य ने मुख्यमंत्री से यह अपेक्षा की कि वह तत्काल प्रभाव से एनटीपीसी की टनल का काम रुकवाये। स्थानीय विधायक राजेंद्र भंडारी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि अब प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर्स पर कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ है और तो और बारिश और बर्फबारी से लोगों का जनजीवन और ज्यादा कठिन हो गया है धन्यवाद भंडारी ने भी मुख्यमंत्री से मुआवजा जल्द से जल्द तय करने की मांग की उन्होंने हेलंग मारवाड़ी बाईपास का काम रुकवाये जाने की भी सरकार से अपेक्षा की जब तक परिस्थितियां अनुकूल ना हो जाएं।
प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री से आशा व्यक्त की कि वह कुछ होटलों को किराए पर लेकर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बेहतर करें ताकि स्थानीय जनता का मनोबल बढ़ सके,प्रीतम ने बताया की वर्तमान स्थिति से स्थानीय जनता संतुष्ट नहीं है ।
इस अवसर पर प्रताप नगर के विधायक विक्रम नेगी ने मुख्यमंत्री से नई टिहरी के पिपोला खास नारगढ़ और मदन नेगी की रिपोर्ट भी डीएम से तलब करने की मांग की।
नेगी ने कहा कि टिहरी में पहले से ही ज्वाइंट एक्सपर्ट कमिटी गठित है ऐसे में उसे सक्रिय किए जाने की जरूरत है और उपरोक्त तीनों ही क्षेत्र की रिपोर्ट मंगाई जानी चाहिए इससे पहले कि कोई बड़ी घटना वहां घट जाए। प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर लोक सेवा आयोग की स्थिति चिंताजनक बताई, कहा की इंटरव्यू में कैंडिडेट बुलाने का जो मानक है उस से 5 गुना लोग ज्यादा बुलाये जा रहे हैं। लोक सेवा आयोग पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आज युवाओं का भरोसा एक के बाद एक इन भर्ती घोटालों की वजह से उठ रहा है, ऐसे में सिर्फ तिथियां स्थगित करके काम नहीं बनेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आशा की कि वह इसमें व्यक्तिगत इंटरेस्ट लेते हुए लोक सेवा आयोग को निर्देशित करेंगे कि वह अपना सिस्टम पहले फुलप्रूफ बनाएं उसके बाद ही कोई इम्तिहान की बात की जाए । प्रतिनिधिमंडल ने आशंका जताई कि यदि एक और गलती इस आयोग के द्वारा हुई तो फिर पूरा सिस्टम ही धराशाई हो जाएगा, संभालने लायक नहीं बचेगा इसलिए अभी भी वक्त है इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि पहले की भर्तियों में यह बात पूर्व अध्यक्ष साफ कर चुके हैं के लिफाफे में सील हुआ करती थी जो अब की बार नहीं दिखाई पड़ रही है या पहले से टूटी हुई है जोकि चिंताजनक है, जो सिलेबस वितरित हुआ है उसमें भी पटवारी लेखपाल भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी के हस्ताक्षर अपने आप में बड़ा प्रश्न चिन्ह है? इसलिए पटवारी लेखपाल भर्ती घोटाले से जुड़े हुए सभी लोगों की सघन जांच होनी जरूरी है। मुख्यमंत्री की ओर से प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया गया कि सरकार की मंशा जोशीमठ को लेकर बिल्कुल साफ है। स्थानीय जनता को राहत देने का सरकार भरसक प्रयास करेगी । भू बैज्ञानिको को और पर्यावरण विदों की रिपोर्ट का इंतजार है। केंद्र सरकार से मदद मांगी गई है।