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कांग्रेस विधायक कुंजवाल अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में करेंगे जमा,जानिए वजह

देहरादून । कारोना वायरस से बचाओं को लेकर जहां केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारें अपने -अपने स्तर से रोकथाम के उपाय कर रही है वहीं बात अगर उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने भी कारोना के खात्मे को लेकर कई निर्णय लिए है। त्रिवेंद्र सरकार जहां 31 मार्च तक प्रदेश में लाॅक डाउन का ऐलान कर चुकी थी वहीं केंद्री सरकार के 21 दिन पूरे देश में लाॅक डाउन किए जाने के बाद अब उत्तराखंड में भी 14 अप्रैल तक लाॅक डाउन रहेगा। त्रिवेंद्र सरकार ने 60 करोड़ रूपये का बजट कारोना के खात्मे को लेकर जारी कर दिया है। वहीं सभी विधायकों को 15 – 15 रूपये अपनी विधायक निधि से अपने जिले के सीएमओ को देने के लिए कहा है ताकि कोराना की जंग से लड़ने के लिए बजट आड़े न आएं। लेकिन उत्तराखंड के कई ऐसे विधायक है जो विधायक निधि की साथ अपने एक माह का वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर रहे है ताकि प्रदेश सरकार के सामने कोरोना के खत्मे के लिए बजट की कमी आगे न आएं।

कुंजवाल भी आएं मदद के लिए आगे

कांग्रेस के जागेश्वर से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का फैसला लिया। इसके लिए उनहोने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमाकर,कारोना वायरस से रोकथाम और करोना पीड़ित मरीजों की मदद के लिए देने की बात कही है। वास्तव में अगर उत्तराखंड के जनप्रतिधि इसी तरह से इस महामारी से लड़ने के लिए आगे आते रहे तो निश्चित तौर पर उत्तराखंड में कारोना वायरस को मात दी जा सकी है। इससे पहले देवप्रयाग से भाजपा विधायक विनोद कंडारी ने भी 15 लाख की विधायक निधि और अपने एक माह को वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने को ऐलान किया है।

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