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कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो -तिरंगा यात्रा’’ का शुभारंभ,प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का बड़ा बयान

रूद्रप्रयाग। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की आहृवहन पर 9 अगस्त को रुद्रप्रयाग से ‘‘भारत जोड़ो -तिरंगा यात्रा’’ का कांग्रेस ने प्रदेश में शुभारम्भ किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने दौरान संबोधित करते हुए कहा कि  9 अगस्त 1942 को दुनिया के इतिहास में अगस्त क्रांति दिवस के रुप में जाना जाता है। इस दिन ही 80 साल पहले गांधी के आहृवाहन पर भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ हुआ था। कांग्रेस जन और देश की जनता तब ‘‘करो या मरो ’’ के नारे के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में हाथ में तिरंगा और सर पर कफन बांध कर कूदे थे । उसी आंदोलन की याद में अगस्त क्रांति दिवस के दिन याने 9 अगस्त से स्वतंत्रता के 75 वें साल में कांग्रेस की सिपाही देश भर में भारत जोड़ों तिरंगा यात्राऐं आयोजित कर रहे हैं। देश भर में ये यात्राऐं 9 अगस्त से 15 अगस्त तक चलेंगी। हर जिले में कम से कम 75 किलोमीटर की यात्राऐं कांग्रेसजन करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि , ‘‘ एक विचारधारा से उपजी पार्टी और उनकी सरकार के निर्णयों से देश की अखंडता , भाईचारा और न्यायालय सहित सभी संवैधानिक संस्थाऐं संकट में हैं इसलिए कांग्रेसजनों की ऐसे समय में जिम्मेदारियां और बड़ जाती है। ’’ ये विचारधारा स्वतंत्रता संग्राम में ‘‘ भारत छोड़ो आंदोलन और तिरंगे झंड़े का विरोध कर रही थी। आज जब देश मंहगाई और बेरोजगारी से परेशान है जनता विरोध में सड़कों पर न उतरे इसलिए आजादी के समय झंडे का विरोध करने वाले ये लोग ‘‘ हर घर तिरंगा ’’ अभियान कर जनता का ध्यान भटका कर अपनी असफलताओं छुपाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि , आखिर आजादी के 75 वें साल में इस विचारधारा को समझ में आ गया कि , इस देश में गांधी की विचारधारा और तिरंगे की परम्परा ही चल सकती है। इसलिए सरकार देश व्यापी मंहगाई और बेरोजगारी के समय तिरंगे की शरण में आने को मजबूर हुई है। करण माहरा ने कहा कि , रुद्रनाथ , बाबा केदारनाथ की धरती और अलकनंदा व मंदाकिनी के संगम से व स्वामी सचिदानंद जी की कर्मस्थली से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। उन्होने कहा कि , देश की मौजूदा परिस्थितियों को देखकर हर कांग्रेसजन को लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। उनका आरोप है कि, देश में अघोषित आपातकाल है। न्यायालय सहित सभी संवैधानिक संस्थाओं की आजादी खतरे में है इसलिए कांग्रेसजनों को एक बार फिर देश की आजादी और सवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता , मंहगाई व वेरोजगारी के विरुद्व संघर्ष कर जेल की यातनाओं तक को सहन करने के लिए तैयार रहना होगा।  
         

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