दमयंती रावत की बढ़ सकती है मुश्किलें, शिक्षा सचिव का बड़ा बयान
देहरादून। कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव पद से हटाई गई दमयंति रावत की मुश्किले बढ़ने वाली है। जी हां शिक्षा विभाग में उप शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात दमयंति रावत को कर्मकार कल्याण बोर्ड से मूल विभाग यानी शिक्षा विभाग में भेज दिया गया है। लेकिन अपने रौब और राजनैतिक अहौदे के चलते अपने मूल विभाग से दमयंति रावत का मोह भंग बहुत पहले ही भंग हो चुका था। यहि वजह है कि दमयंति रावत बिना एनओसी के भी कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव पद की जिम्मेदारी निभा रही थी। बिना विभागीय एनओसी के दूसरे विभाग में सेवा देने का कोई नियम अब तक नहीं है,लेकिन यह दमयंति रावत की राजनैतिक पहुंच का ही नतिजा है कि डबल इंजन और पादर्शिता का ढोल पीठने वाली सरकार में भी दमयंति रावत नियमों को ताक पर रखते तीन सालों तक कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव के पद पर मौजूद रही। लेकिन अब जब दमयंति की छुट्टी कर्मकार कल्याण बोर्ड से हो गई है तो फिर यह सवाल सबकी जुबान पर है कि दमयंति रावत क्या अपने मूल विभाग शिक्षा में वापसी करेंगी। लेकिन इस बार लगता है कि शिक्षा विभाग से गायब चल रही दमयंति की राह शिक्षा विभाग में ज्वाइन करने की इतनी आसान नहीं है। क्योंकि 1 साल 2 माह माह दमयंति रावत शिक्षा विभाग से कहां गायब रहीं इसकी जांच जहां शिक्षा विभाग पहले कर चुका है। वहीं अब सवाल ये है कि 1 साल 2 माह के साथ 3 साल बिना एनओसी के कर्मकार कल्याण बोर्ड में सेवा देने के बाद यदि शिक्षा विभाग से टोटल गायब रहने के समय को निकाला जाएं तो शिक्षा विभाग से दमयंति रावत 4 साल 2 माह तक बिना बताएं गायब रहीं है। ऐसे में दमयंति रावत की फाईल को जांच ने की बात शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कही है,और उचित निणर्य लिया जाएगा। शिक्षा सचिव ने बिना एनओसी के दूसरे विभाग में सेवा देने को भी गलत बताया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इस बार शिक्षा विभाग दमयंति रावत पर कोई कारवाई करेगा।