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पिता ज. बिपिन रावत के ताबूत को चूमकर फूट-फूटकर रोई बेटियां, अवशेषों को एकटक निहारती रहीं

सीडीएस जनरल बिपिन रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ समेत 12 फौजियों और जनरल रावत की पत्नी मधुलिका के पार्थिव अवशेष जब राजधानी के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचे तो हर आंख में आंसू थे। जनरल रावत की दोनों बेटियां ताबूत में रखे पिता के अवशेषों को एकटक निहारती रहीं।पिता के ताबूत को चूमकर बेटियां फूट फूट कर रोने लगीं। बीती रात जब जांबाजों का पार्थिव शरीर पहुंचा तो पीएम मोदी समेत राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

आज दिल्ली में जाबाजों की अंतिम विदाई है। पूरे देश में शोक की लहर है। हर किसी की आंखें नम है। हर कोई बिपिन रावत समेत बहादुरों को श्रद्धांजलि दे रहा है। ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को उनकी बेटी आश्ना ने मुखाग्नि दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों समेत मनोहर लाल खट्टर, और सेना के तीनों प्रमुख मौजूद रहे।

ब्रिगेडियर की बेटी आश्ना ने बेटे का फर्ज निभाया और पिता को मुखाग्नि दी। वहीं जनरल बिपिन रावत को अभी श्रद्धांजलि दी जा रही है। दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दोनों बेटियों ने पिता और मां दोनों को खो दिया। दोनों के सिर से पिता और मां दोनों का सााय उठ गया। ताबूत को चूमकर दोनों बेटियां खूब रोई। वहां मौजूद हर शख्स ये देखकर भावुक हो गया। हर किसी की आंखें नम थी।

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