देहरादून के पत्रकार की मार्मिक कहानी, कोरोना महामारी में घर को नहीं खबरों को दे रहे प्राथमिकता, घर छोड़ होटल में रहने को मजबूर
देहरादून । कोरोना महामारी के बीच जहां आज पूरे विश्व का ध्यान मात्रा कोरोना महामारी की खबरों पर केंद्रित है कि आखिर किस देश की कोरोना महामारी से क्या हालत है,वही इस महामारी के बचाओ को लेकर डाक्टरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है,जो इस भंयकर बीमारी में भी भगवान के रूप में तभी इलाज कर रहे है जब कई डाक्टरों को इस महामारी ने अपनी चपेट में लिया है,डाक्टरों को जँहा हर कोई सलाम कर रहा है . वही उन पुलिस कर्मियों और ज़रूरी सेवाओ में लगे कर्मियों की कहानी भी मीडिया कर्मी देश और विदेशों तक पहुंचा रहे है । जो लॉक डाउन का सफलता पूर्वक पालन कराने के साथ अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा रहे है। लेकिन आप ने कभी सोचा है कि हालात जैसे भी हो जो मीडिया कर्मी आप तक खबरें पहुंचाते हैं वह कैसे इस मुश्किल की घड़ी में आप तक खबरे पहुंचा रहे होंगे,लेकिन आज हम आप को उत्तराखंड के देहरादून के ऐसे मीडिया कर्मी की कहानी आप तक पहुंचा रहे है जो वास्तव में रुला देने वाली है।
कोरोना की वजह से शहर में होते हुए भी घर से दूर है अफजाल
कोरोना वायरस को मात देने के लिए आज जहाँ हर भारतवासी ने प्रण लिया है,वहीं कोरोना वायरस को मात देने के साथ ही कोरोना वायरस को लेकर हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए देहरादून ANI के कैमरामैन अफजाल अहमद ने देहरादून शहर में अपना घर होने के बाद भी अपने घर से दूरी बना ली है,और यह दूरी आप तक खबरों को पहुंचाने के साथ ही अपने परिवार को किसी खतरे में न डालने को लेकर बनाई गयी है। अफ़जाल अहमद ने अपना घर छोड़कर कई दिनों से होटल में रह रहे है,ताकि हर खबर भी आप तक पहुंचाई जाए । जी हां ये सुनने में अजीब सा लग रहा है लेकिन यही सच्चाई है,इस महामारी में जहां हर कोई अपने परिवार के साथ रह रहा है। वही अफजाल अहमद अपने घर से इस महामारी के चलते दूर हो गए। हर रोज खबर कर अपने घर न जाने का मलाल अफजाल से ज्यादा उनकी दो बेटियों को है जिनको अपने पापा से दूरी सताने लगी है,अफ़ज़ाल कहते है कि कई बार उनकी बेटियां उनसे घर आने की जिद फोन पर ही करने लगती है,और रो भी पड़ती है,लेकिन वह भी क्या कर सकते है कुछ समय के लिए उन्होंने कोरोना वायरस को देखते हुए घर से दूर रहने का फैसला इस लिए किया है ताकि वह खबरे जनता तक पहुंचते रहे,उनके घर के आस पास के इलाके को कोरोना वायरस के चलते सील कर दिया गया, ऐसे में वह न तो प्रशासन के नियमों की अनदेखी कर घर जा सकते है न ही काम को छोड़कर घर पर ही बैठना चाहते है क्योंकि जितना जरूरी लोगों को घर पर रहना है उतना ही जरूरी इस समय एक मीडिया कर्मी के नाते सही खबर जनता तक पहुंचना है,इसलिए उन्होंने घर से दूर रहना है उचित समझा है ।
फैसले के नही व्यवहार के भी धनी है अफ़ज़ाल
ANI में कैमरामैन होने के नाते इन दिनों शासन से लेकर मुख्यमंत्री आवास के साथ ही मुख्यमंत्री की सभी खबरे ANI के माध्यम से ही आप तक पहुंच रहे है,और उसमें अफ़ज़ाल का भी बड़ा योगदान कैमरे के माध्यम से है,ऐसेमें कहा जा सकता है कि लगभग हर रोज मुख्यमंत्री आवास में आने जाने के नाते अफ़ज़ाल ने अपने घर के साथ मुख्यमंत्री आवास में आने जाने के लिहाज से घर से दूर रहने का फैसला कई माईनो में खास है,क्योंकि इस फैसले की वजह से वह अपने परिवार,मुख्यमंत्री आवास के साथ खुद के बारे भी भी सोचते है। शोसल डिस्टेसिंग का भी अफ़ज़ाल पूरा ध्यान रख रहे है । लेकिन इस खबर की अंत लाइनों में यही कहना चाहूंगा कि अफ़ज़ाल का व्यवहार सभी को मीडिया में भाता है,और वह देहरादून की मीडिया में सबके भी प्रिय है। साथ ही नीचे इस फ़ोटो को आप देख सकते है कितनी मार्मिक है लॉक डाउन की वजह से अफजाल का माहौल सील होने के बाद कुछ मिनटों के लिए वह अपनी बेटीयो से कैसे मिले,महज एक कदम की दूरी इस फोटो में ऐसे लग रही है जैसे अफजाल अपनी बेटियों से कोष दूर है क्योंकि वह मिला जरूर लेकिन लॉक डाउन की बाधा और बेरिकेटिंग की वजह से बेटियों को गले तक नही लगा पाया ।