उत्तराखंड से बड़ी खबर

Uksssc की भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग,आयोग के हटाए गए अध्यक्ष और सचिव की भी जांच की उठी मांग

देहरादून।  निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 21/08/2022 को आज कचहरी स्थित शहीद स्मारक में उत्तराखंड बेरोजगार संघ की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में समूचे उत्तराखंड से आए युवा प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर निर्णय लिया गया

1- uksssc पेपर लीक के दोषी अभ्यर्थियों को ब्लैकलिस्ट कर स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द किया जाए। तथा जल्द पुनर्परीक्षा आयोजित करवाई जाएं। साथ ही एसटीएफ के पास जांच के लिए सौंपी गई वन दरोगा परीक्षा, जूडिशल कनिष्ठ सहायक परीक्षा, सचिवालय रक्षक परीक्षा, एवं वन आरक्षी परीक्षा की जांच के लिए पृथक-पृथक एसटीएफ टीम गठित कर जांच में तेजी लाई जाएं।

2- आयोग को भंग कर वहां अध्यक्ष व सचिव पद पर ईमानदार एवं अनुभवी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नियुक्त किया जाएं तदोपरांत आगामी परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर तैयारी कर रहे छात्रों के साथ न्याय किया जाएं।

3- नॉर्मलआईजेसन पद्धति को समाप्त कर आगामी परीक्षाओं को एक पाली के माध्यम से सम्पन्न करवाना सुनिश्चित करें।

4- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साथ-साथ लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुई अनियमितताओं ( जूनियर इंजीनियर व असिस्टेंट इंजीनियर) एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा भर्ती में हुई धांधली की जांच हो।

5- आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जांच के दायरे में लिया जाएं साथ में इन सभी के संपत्तियों की जांच हो।

6- आयोग के हटाए गए अध्यक्ष, सचिव एवं जांच दायरे में आए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का लाइव डिटेक्शन टेस्ट करवाया जाएं।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने दावा किया है कि उनकी पैनी नजर एसटीएफ की कार्यप्रणाली व जांच पर बनी हुई है। संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने बताया कि संगठन ने बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं साक्ष्य एसटीएफ की टीम को उपलब्ध करवाएं है व एसटीएफ की अब तक की कार्यप्रणाली संतोषजनक सिद्ध हुई है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने यह स्पष्ट किया है कि एसटीएफ की कार्यवाही में बड़ी मछलियां भी गिरफ्त में आनी चाहिए, और नकल माफियाओं को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़े तो सरकार को नकल माफिया के सरगनाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धाराओं के तहत निरुद्ध करने पर विचार करना चाहिए। बेरोजगार संघ ने दोहराया है कि परीक्षा को रद्द करने के साथ साथ आयोग का सीरे से ईमानदार एवं कर्मनिष्ठ अधिकारियों को लाकर सिरे से पुनर्गठन करना चाहिए। बैठक में उपस्थित मनोज ध्यानी, जितेन्द्र ध्यानी, दीपक भंडारी, कुलदीप राणा, देवेन्द्र, दीपक, सुशील कैंतुरा, मनीष बिजल्वाण, विकास चौहान, सतैंद्र कठैत, दिनेश चौहान, तुलबीर चौहान, सागर राणा, जगदीश चन्द्र, हिमांशु लोदी, नमन उनियाल, गंभीर रावत, सोहन सिंह, प्रदीप राणा धीरज शुक्ला, प्रशांत नेगी, मंजीत पंवार, रितिक, रोहित चौहान, सुभाष रतूड़ी आदि दर्जनों बेरोजगार उपस्थित थे।*

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