Sunday, November 24, 2024
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चमोली की देवकी भंडारी बनी दानवीर,पीएम राहत कोष में जमा की जिंदगी की कमाई,सीएम ने किया नमन

देहरादून । देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद की गोचर निवासिनी देवकी भंडारी जी ने अपने नाम को चरितार्थ करते हुए कोरोना वायरस (COVID-19) के वैश्विक संकट में माननीय प्रधानमंत्री Narendra Modi के आह्वान पर पीएम केयर फंड में 10 लाख रुपए की अपनी सारी पूंजी अपने देश के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आज दान की है। इस भरत भूमि में दानवीर कर्ण और राजा बलि की दानवीरता की कहानियाँ हमने सिर्फ किताबों में पढ़ी थी लेकिन आज साक्षात देख भी ली है। निस्वार्थ भाव से सब कुछ त्याग और दान देने की हमारी भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करते हुए आपने अकेले होकर भी पूरे भारतवर्ष को अपना परिवार समझा और हमारे सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। नारी शक्ति के रूप में हम सबके लिए आप बहुत बड़ी प्रेरणा है। कोरोना से लड़ने के लिए ऐसा हर एक प्रयास इस जंग को मजबूत करेगा। आपका यह सहयोग निश्चित रूप से हमारे देश के काम आएगा और हमें इस कठिन दौर से बाहर निकालने में मदद करेगा। आपके इस त्याग और दानशीलता की सद्धभावना के लिए मैं अपने ह्रदय की गहराइयों से आपका आभार प्रकट करते हुए आपको शत-शत नमन करता हूँ।

सारी जमा पूंजी पीएम राहत कोष में जमा की

गौचर की देवकी भंडारी आज सुबह उठी, और तैयार
होकर बैंक चली गई, साथ में उन्होंने पार्षद अनिल नेगी को अपने साथ लिया।  सेंट्रल बैंक में अपनी 10 लाख की एफडी तोड़ी और कोरोना के रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री केयर्स के नाम 10 लाख का चेक सीधे ट्रांसफर कर दिया। चेक सौपने के बाद देवकी भंडारी का स्वागत हुआ। उन्हें माला पहनाई गई। शौल भेंट की गईं। उनकी एक सामान्य महिला की भूमिका है।  उनके पास जितना धन था, वह सब उन्होंने दान कर दिया। देवकी भंडारी की उम्र 68 साल है। उनके पति  हुकुम सिंह भंडारी का 12 साल पहले देहांत हो गया था। वह गौचर रेशम विभाग में थे। काफी सालों से गौचर में रहते थे। वहीँ बस गए थे । हुकुम सिंह और देवकी जी का कोई पुत्र , पुत्री नहीं हैं। वह मूल जनपद पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू ब्लॉक के हैं। लेकिन पति के देहांत के बाद उन्होंने कुछ बच्चों को गोद लिया। वह बच्चे आज बी टेक कर रहे हैं। देवकी जी के पिता का नाम अवतार सिंह नेगी व माता का नाम बचन देई था। पिता अवतार सिंह आज़ाद हिंद फौज के सिपाही थे। देश के नायक  लोगों के लिए ही जीना है के लक्षण पिता के खून आये होंगे। जो आज कोरोना जैसी विश्व व्यापी महामारी के लिए फरिश्ता बन कर उभरीं हैं । वह किराए का घर में रहती हैं। देवकी के पास पहले घर था। वह बेच दिया था। गरीब बच्चों को कामयाब बनाना था। अब गौचर में किराये के घर पर हैं उन्हें पिछले तीन दिन से संसार की खबरों को देख कर ख्याल आया कि,मानव जीवन को बचाया जाना चाहिए। इसलिए उनके पास जो कुछ था ,वह सब प्रधानमंत्री को सौंप दिया। देवकी भंडारी के जज्बे, भावना को सलाम। जिन्होंने  देश के लिए अपना वर्षो से पाई पाई जोड़ कर संचित किया । सारा धन प्रधानमंत्री जी को सौंप दिया। 

 

 

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