Tuesday, December 3, 2024
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उत्तराखंड से बड़ी खबर

अत्याधिक बारिश को ऐप के जरिए कंट्रोल करने पर घिरे आपदा मंत्री,भाजपा ने किया बचाव तो धन सिंह ने बयान पर दिया स्पष्टीकरण

देहरादून। उत्तराखंड के आपदा मंत्री धन सिंह रावत का एक बयान शोसल मीडिया से लेकर मीडिया में छाया हुआ है,जिसमें आपदा मंत्री ऐप के जरिए बारिश को कंट्रोल करने की बात कर रहे हैं,आपदा मंत्री का कहना है कि जल्द ही एक ऐप का प्रजेंटेशन वह भारत सरकार के समक्ष करने वाले हैं जिसके माध्यम से अधिक बारिश वाले स्थान से दूसरे स्थान पर बारिश की जा सकती है। इस ऐप का फायदा अन्य प्रदेशों को भी मिल सकता है,आपदा मंत्री के इस बयान से उत्तराखंड की सियासत में खूब चर्चा हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो धन सिंह रावत के इस बयान पर उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रहे है।

धन सिंह के बचाव में आई भाजपा 

आपदा मंत्री धन सिंह रावत के बचाव में अब भाजपा भी उतर आई है भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स का कहना है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी विकसित हो चुकी है, कि जिस एरिया में बारिश नहीं होती है वहां बारिश की जाए,और दुबई में ऐसी टेक्नोलॉजी काम भी कर रही है, हालांकि बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स ने इस बात को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की कि ऐप के जरिए बारिश को कंट्रोल नहीं किया जाएगा,बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए बारिश को कंट्रोल किया जा सकता है और उस टेक्नोलॉजी को ऐप के माध्यम से जोड़ा जा सकता है, जिसके माध्यम से यह पता चल सकता है कि किस एरिया में कितनी तेज बारिश हो सकती है यह केवल ऐप के जरिए पता चल सकता है हालांकि बारिश को कंट्रोल टेक्नोलॉजी के माध्यम से किया जा सकता है।

बयान पर धन सिंह रावत का स्पष्टीकरण

वही धन सिंह रावत का अपने बयान पर स्पष्टीकरण आया है, धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य में आपदा की अति संवेदनशीलता के मध्यनजर हमारी सरकार वेदर राडार सिस्टम्स को सूबे के विभिन्न स्थानों पर स्थापित कर रही है, ताकि अतिवर्षा की सटीक जानकारी मिल सके। उक्त जानकारी को इमरजेंसी अर्ली वार्निंग सिस्टम के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने के लिए बाकायदा एक एप डेवलप किया जा रहा है। जो कि जनता की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मैंने आम जन को आश्वस्त करने के उद्देश्य से यह जानकारी पत्रकार बंधुओं को बेहद ही साधारण भाषा में बताई कि हम बादलों को इधर से उधर कर सकते हैं। यह एक टेक्नोलॉजी है जिसे हम उत्तराखंड की आपदाओं को कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे ।

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