शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उड़ाई स्थानांतरण एक्ट की धज्जियां,शिक्षा विभाग में फल फूल रही है स्थानांतरण इंडस्ट्री,शिक्षक लगा रहे है आरोप
देहरादून। शिक्षा विभाग में अधिकारियों ने ही स्थानांतरण एक्ट की धज्जियां उड़ा कर रख दी है,ये कहना है शिक्षक नेताओं का है,कई शिक्षकों का कहना है कि जून 2023 के अंतिम सप्ताह में सुगम से दुर्गम स्थानांतरित शिक्षकों को आज तक कार्यमुक्त नहीं किया गया जबकि दुर्गम से सुगम स्थानांतरण पर छूट का कोई प्रावधान नहीं है । जीतने भी शिक्षक प्रत्यावेदनों के निस्तारण की आड़ में छिपे हैं वास्तव में इन्होंने अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ किया हुआ है । इससे कहा जा सकता है कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में स्थानांतरण इंडस्ट्री फल फूल रही है । उच्च स्तर पर पकड़ रखने वाले सुगम स्थलों के शिक्षकों ने पहले तो निदेशक माध्यमिक शिक्षा से एक अवैधानिक आदेश करवाया कि प्रत्यावेदनों के निस्तारण तक इन्हें कार्यमुक्त न किया जाए जबकि स्थानांतरण एक्ट में स्पष्ट है कि प्रत्यावेदनों का निस्तारण एक सप्ताह के भीतर किया जाए । लगभग 40 प्रतिशत शिक्षक जिनका स्थानांतरण अनिवार्य श्रेणी में सुगम से दुर्गम हुआ वे निदेशक माध्यमिक शिक्षा के उक्त आदेश की आड़ में सुगम स्थलों में आज भी डटे हुए हैं । यहां तक कि मुख्य सचिव की बैठक में भी यह आदेश हो चुके हैं कि केवल ऐसे शिक्षक जिनका दुर्गम से सुगम अनिवार्य स्थानांतरण हुआ है और वे बने रहना चाहते हैं वे ही पूर्ववत बने रहेंगे सुगम से दुर्गम स्थानांतरित शिक्षक नहीं ।