शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शिक्षा मंत्री की दो टूक,पहाड़ से मैदान में होंगे शिक्षकों के ट्रांसफर,तो मैदान में जमे शिक्षकों को भी चढ़ना होगा पहाड़
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में जब भी शिक्षकों के ट्रांसफर की बात आती है तो सुगम – दुर्गम को लेकर हमेशा से विवाद की स्थिति भी ट्रांसफर के समय देखने को मिलती है, लेकिन इस बार शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ट्रांसफर एक्ट के तहत दुर्गम 15 साल से अधिक एक ही जगह अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षकों को मैदान में आने का मौका दिया जाएगा तो वहीं जिन शिक्षकों को 20 साल मैदान में सेवाएं देते हुए हो गए हैं,उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाओं को देने के लिए भेजा जाएगा। अगर शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ऐसा कर पाए तो दुर्गम में कई सालों से सेवाएं देने वाले ऐसे शिक्षकों को भी न्याय मिल पाएगा जो ट्रांसफर की आस लगाए हुए है।
पारदर्शी तरीके से होंगे तरंसफर
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने साफ किया है कि इस बार शत-प्रतिशत ट्रांसफर एक्ट के दायरे में आने वाले शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे तो वही शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि पूरी पारदर्शिता के साथ ट्रांसफर एक्ट के तहत शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे जो भी निर्देश शिक्षा मंत्री की तरफ से दिए गए हैं उनका पालन किया जाएगा और पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे। काउंसलिंग के माध्यम से ट्रांसफर होने के बाद शिक्षकों को स्कूल भी आवंटित किए जाएंगे।
शिक्षकों को बड़ी आस
दुर्गम में सालों से अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षक ट्रांसफर की आस लगाए शिक्षक हर साल यही सपना लेकर ट्रांसफर के लिए आवेदन करते हैं, कि इस बार उनको सुगम में आने का मौका मिलेगा और वह भी मैदान में अपनी सेवाएं स्कूलों में देंगे,लेकिन कभी 10% तबादलों और कई वर्ष तबादला सत्र शून्य होने के चलते ऐसे शिक्षकों के मन की मुराद अब तक पूरी नहीं हुई है, ऐसे में अब देखना ही होगा कि जो दावा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत कर रहे हैं क्या उससे आम शिक्षकों को न्याय मिल पाएगा, जिससे दुर्गम में सालों से सेवाएं देने वाले शिक्षकों को भी शुभम में आकर मैदान में नौकरी करने का मौका मिलेगा।