मुख्यसचिव के आदेश को शिक्षा मंत्री बदला,असमंजस हुआ दूर,शिक्षक ने ली राहत की सांस
देहरादून। कल पूरे देश में गांधी जयंति को मानाया जाएगा। सभी राजकीय कार्यालयों में गांधी जयंति पर ध्वजारोहण भी किया जाएगा। जिसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यसचिव के के द्धारा आदेश भी जारी किए गए है। लेकिन मुख्य सचिव के द्धारा जारी किए गए इसी आदेश के चलते उत्तराखंड शिक्षा विभाग और उत्तराखंड के शिक्षक असमंजस में पड़ गए थे कि जो आदेश मुख्य सचिव के द्धारा जारी किया गया है,उसके तहत बच्चों को स्कूल बुलाया जाए या नहीं,दअसल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंति पर मुख्यसचिव के द्धारा जारी किए गए आदेश में स्कूूल और काॅलेज में मात्मा गांधी के जीनव पर प्रकाश डालने के साथ ही महात्मा गांधी के विभिन्न पहलुओं पर विधार्थियों के मध्यवाद – विवाद प्रतियोगिता या गोष्ठी आयोजित करने के किए जाने के आदेश दिए गए थे।
लेकिन कोराना वायरस महामारी के चलते अभी देशभर में स्कूल बंद है,ऐसे में एक दिन गांधी जयंति के लिए उत्तराखंड में बच्चों को बुलाया जाएं या नहीं इसको लेकर शिक्षकों के बीच असमंजस बना हुआ था। लेकिन आज उत्तराखंड सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने बैठक की जिसमें केंद्र की गाईड लाईन के तहत 15 अक्टूबर से स्कूल खालने को लेकर चर्चा की गई। वहीं गांधी जयंति के दिन छात्रों को स्कूलों में न बुलाने को लेकर निर्णय लिया गया,यानी मुख्यसचिव के द्धारा स्कूलों में छात्रों के माध्य कई तरह की प्रतियोगिता आयोजित करने को लेकर जो आदेश दिया गया था,उसे शिक्षा मंत्री बदल दिया है। अब 2 अक्टूबर को गांधी जयंति दिन किसी भी छात्र को उत्तराखंड में स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। स्कूलों में गांधी जयंति पर कार्यक्रम आयोजित होंगे उसमें शिक्षक और स्कूल के कार्मिक उपस्थित होंगे। मुख्य सचिव के आदेश से शिक्षक भी असमंजस में थे, कि वह छात्रों को स्कूल बुलाएं या ना बुलायें, ऐसे में शिक्षकों ने भी राहत की सांस शिक्षा मंत्री के फैसले के बाद ली है क्योंकि कोरोना काल में गांधी जयंती पर यदि छात्रों को स्कूल में बुलाया जाता तो वास्तव में यह किसी चुनौती से कम ना होता।