उत्तराखंड से बड़ी खबर

Exclusive:तीरथ सिंह रावत को क्यों देना पड़ा इस्तीफा,तीरथ ने खुद बताई वजह

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत के इस्तीेफे की वजह को लेकर अलग -अलग अटकलें लगाई जा रही है,कि आखिर तीरथ सिंह रावत ने महज 115 दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद इस्तीफा क्यों दिया

 तीरथ ने बताई इस्तीफे की वजह

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत को आखिर कार इस्तीफा देना ही पड़ा,लेकिन ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर क्यों इस्तीफा तीरथ ने दिया। लेकिन इस्तीफे की वजह को खुद तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक संटक बताया जा रहा है,जिसको लेकर उत्तराखंड में कई दिनों से चर्चा भी गर्म थी कि आखिर संविधान की धारा 151 ए के तहत मुख्यमंत्री का उपचुनाव लड़ना मुश्किल भी हो सकता है। आखिर उसी नियम को देखते हुए संवैधानिक संकट उत्तराखंड में खड़ा न हो उसे देखते हुए मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया,खुद तीरथ सिंह ने भी यही वजह इस्तीफे की वजह बताई है।

बीजेपी ने निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया इस्तीफे की वजह

 संविधान की धारा 151 ए का हवाला देते हुए तीरथ सिंह रावत ने अपना इस्तीफा देने की बात बताई हो लेकिन भाजपा जो बार – बार यही कहती आ रही थी कि मुख्यमंत्री चुनाव लड़ेगे,उसके सुर तीरथ सिंह के इस्तीफे के बाद बदल गए,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि तीरथ सिंह रावत को इसलिए ईस्तीफा देना पड़ा कि निर्वाचन आयोग ने कोविड का हवाला देते हुए चुनाव कराने से इंकार कर दिया।

जनता का विश्वास कैसे जीतेगी बीजेपी

सीएम पद से तीरथ सिंह रावत को क्यों इस्तीफा देना पड़ा इसकी सही वजह भाजपा हाईकमना के पास है,क्योंकि प्रदेश के कई भाजपा नेता संविधान की धारा 151 ए तहत ये भी हवाला दे रहे थे कि यदि केंद्र सरकार चाहिए तो निर्वावन आयोग से परामर्श कर उपचुनाव कराया जा सकता था,ऐसे में सवाल यही उठ रहे है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा को क्यों नियमों की जानकारी नहीं थी,और अगर थी तो क्यों हाईकमान ने सल्ट उपचुनाव के समय तीरथ को उपचुनाव नहीं लड़ाया। कुल मिलकार जनता में जो संदेश तीरथ के इस्तफे के बाद गया है उससे उत्तराखंड की जनता में भाजपा हाईकमान के प्रति रोष भी देखने को मिल रहा है,ऐसे में अब भाजपा जब बार – बार मुख्यमंत्री को चेहरा प्रदेश में बदल रही है जिससे भाजपा की छवि धुमिल हो रही है,उसे सुधारने के लिए भाजपा आने वाले दिनों में क्या कुछ फैसले ले सकती है,इस पर सबकी नजरें अब हैं।

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