पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने हरीश रावत पर लगाए कई आरोप,सीएम धामी के फैसलों की जमकर की सरहाना
देहरादून। 2016 में हरीश रावत सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने हरीश रावत पर कई सवाल खड़े किए हैं, 2016 में जब हरीश रावत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे,और बहुमत परीक्षण हरीश रावत को पास करना था,तब बीजेपी के विधायक भीम लाल आर्य ने क्रॉस वोटिंग कर हरीश रावत के पक्ष मे अपना मतदान किया था,और विधायकी भी बाद में गंवा दी। लेकिन आज वही भीम लाल आर्य हरीश रावत पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं, यहां तक कि कांग्रेस को उत्तराखंड में खत्म करने का भी आरोप हरीश रावत पर लगा रहे हैं, भीम लाल आर्य का कहना है कि हरीश रावत ने उनके साथ वादाखिलाफी की है, 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने से भीम लाल आर्य बेहद आहत है, जिसको लेकर वह सारा ठीकरा हरीश रावत पर फोड़ने का काम कर रहें हैं,वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जमकर सराहना भीम लाल आर्य कर रहें,पूर्व विधायक भीम लाल आर्य का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के विकास को लेकर बेहतर निर्णय ले रहे हैं, और युवाओं को उनका हक देने को लेकर जिस तरीके से उन्होंने फैसले लिए वह काबिले तारीफ है। यही नहीं भीम लाल आर्य का हरीश रावत के द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन को लेकर कहना है कि जो वह विधायक के नाते सरकार के खिलाफ क्षेत्र के काम न होने को लेकर धरना देते थे,तब हरीश रावत कहते थे, कि वह क्यों बार-बार धरने पर बैठ जाते हैं, और आज हरीश रावत खुद बार बार धरने पर बैठ जाते हैं। विमला लारी का कहना है कि 2022 का विधानसभा चुनाव हरीश रावत मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ रहे थे, इसीलिए कांग्रेस पार्टी चुनाव में बुरी तरीके से हार गई। आपको बता दें कि भीम लाल आर्य एक समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कि काफी करीबी माने जाते थे, यही वजह रही कि 2016 में जब हरीश रावत सरकार को बहुमत परीक्षण से गुजरना था, तो भीम लाल आर्य ने बीजेपी के विधायक होने के बावजूद हरीश रावत को उस समय समर्थन दिया था, 2017 में कांग्रेस ने भीम लाल आर्य को टिकट घनसाली से दिया,लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में भीम लाल आर्य को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया और वह निर्दलीय ही मैदान में उतर गए।