ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा मे संदेह जताकर हार का बहाना ढूंढ रहे हैं गोदियाल: चौहान
देहरादून । भाजपा ने ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के पौड़ी प्रत्याशी गणेश गोदियाल के आरोपों को बेबुनियाद एवं हार की आशंका से ग्रसित होकर बहानेबाजी करार दिया है ।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि पहले ईवीएम तकनीक, फिर चुनाव आयोग और अब केंद्रीय सुरक्षा बलों पर संदेह करना बताता है कि कांग्रेस को संवैधानिक संस्थाओं पर ही भरोसा नही है। यही वजह है कि जनता को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है ।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को भलीभांति जानकारी है कि अधिसूचना के बाद समूची चुनावी प्रक्रिया और महत्वपूर्ण प्रशासनिक गतिविधतियां चुनाव आयोग के अनुसार होती हैं । इसी क्रम में ईवीएम का रख रखाव और उनको रखने के लिए स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा आदि सभी आयोग को निगरानी में केंद्रीय सुरक्षा बल के हाथों में होती है । आदर्श चुनाव आचार संहिता के नियमों के तहत ही सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधि एवं स्ट्रांग रूम परिसर के बाहर मौजूद रह सकते हैं। पूरे देश में लागू रहने वाले इस नियम को गोदियाल भी बखूबी जानते हैं । क्योंकि वे भी पहले कई चुनाव लड़ चुके हैं और इसी प्रक्रिया के तहत जीत भी चुके हैं । लेकिन इस बार चूंकि प्रदेश की सभी सीटों की तरह गढ़वाल सीट पर भी वह हार को लेकर आशंकित हैं। इसलिए वे अभी से हार के बहाने तलाशने लगे हैं ।
उन्होंने ईवीएम परिसर की अपने निजी सीसीटीवी से निगरानी को लेकर गोदियाल की मांग बेहद आपत्तिजनक एवं स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा में सेंध की कोशिश बताया है । उनकी डिमांड कुछ इस तरह है कि कल कोई संसद, विधानसभा और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की अपने कैमरों से निगरानी की बात करेगा । उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवार भी सच्चाई जानते हैं कि ईवीएम की सुरक्षा में कोई कमी नही है बल्कि ईवीएम में दर्ज उनके वोटों में जबरदस्त कमी है । वे बखूबी जानते हैं कि उनका 4 जून की मतगणना में रिकॉर्ड मतों से हारना तय है। यही वजह है कि अपनी पार्टी के सहयोगी उम्मीदवारों की तरह वे भी अभी से हार के कारण तलाशने लगे हैं । उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों से अपील की है कि जनता का मत ईवीएम में बंद हो चुका है, लिहाजा संवैधानिक प्रक्रियाओं पर झूठे सवाल कर लोकतंत्र का अपमान करना उचित नहीं है । सभी को चुनाव आयोग पर भरोसा करते हुए मतगणना का इंतजार करना चाहिए।