उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के लिए गोदियाल की बड़ी मांग,महेंद्र भट्ट का जताया आभार,लेकिन सभी सांसदों से संसद में आवाज उठाने की मांग
देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक बड़ी मांग उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की ली की है,जिसके लिए भाजपा से उत्तराखंड के सभी सांसदों से संसद में इस मांग को उठाने की मांग की हैं। गणेश गोदियाल का कहना है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट के द्वारा सदन में पैनखंडा के लोगो को जो आरक्षण दर्जा मिला हुआ है,उसके तहत केंद्र में भी आरक्षण मिलना चाहिए,महेंद्र भट्ट ने यह मांग सदन में उठाई इसके लिए वह महेंद्र भट्ट का आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन महेंद्र भट्ट केवल एक क्षेत्र विशेष की अब प्रतिनिधि नहीं है,बल्कि उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद है और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, इसलिए महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड के पूरे पर्वतीय क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग संसद में करनी चाहिए,साथ ही उत्तराखंड के भी सभी सांसदों को सदन में यह मांग उठानी चाहिए,भाजपा सांसद अगर यदि इस मांग को सदन में उठते हैं तो कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के साथ इस मांग को लेकर समर्थन देगी।
उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र अगर हुआ जनजाति क्षेत्र घोषित तो क्या होंगे फायदे
उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र यदि जनजातीय क्षेत्र घोषित होता है, तो फिर उत्तराखंड में सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू करने की जो मांग उठ रही है, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के लिए दोनों मांग स्वत ही पूरी हो जाएंगे। क्योंकि भारत में जो भी क्षेत्र जनजातीय क्षेत्र घोषित होते हैं वहां 1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होते हैं साथी जनजातीय क्षेत्र में कोई व्यक्ति बाहर से जमीन नहीं खरीद सकता है। उत्तराखंड एकता मंच के बैनर तले इस मांग को बड़े स्तर पर उठाया जा रहा है जिसको लेकर कई बैठक के भी आयोजित हो चली है उत्तराखंड एकता मंच का कहना है कि जनजातीय क्षेत्र घोषित होने से मूल निवास 1950 और सशक्त भू कानून की मांग तो पूरी होगी साथ ही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के बच्चों को केंद्र में आरक्षण भी मिलेगा, वही विकास के लिए केंद्र से अलग से भी बजट जारी होगा जिस जल जंगल जमीन पर पहाड़ के लोग अपना हक सोचते हैं वह भी पहाड़ के लोगों को फिर से मिलेंगे।