बीजेपी के संकल्प पत्र को गेस्ट टीचरों ने बनाया हथियार,क्या भाजपा सरकार लेगी संज्ञान
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचरों ने फिर से प्रदेश सरकार को उनके हित के लिए लिए गए फैसलों पर शासनादेश ना होने याद सरकार को दिलाई है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें अतिथि शिक्षकों के पदाधिकारियों ने सरकार पर उसके द्वारा लिए गए निर्णय को पूरा न करने का आरोप लगाए। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 4 जुलाई 2021 को अतिथि शिक्षकों के हित में कई बड़े फैसले लिए गए थे जिनमें अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माने जाने का भी फैसला लिया गया था वहीं गृह जनपदों में भी अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दिए जाने पर निर्णय लिया गया था,लेकिन आज तक इन फैसलों पर शासनादेश नहीं हुआ है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 8 अगस्त 2022 को शिक्षा मंत्री के माध्यम से महानिदेशक शिक्षा के साथ अतिथि शिक्षक संघ की वार्ता हुई थी । जिसमें अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य को देखते हुए स्थाई नियुक्ति का आश्वासन दिया गया था। लेकिन वह भी पूरा नहीं हो पाया। जबकि 7 अक्टूबर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ की मुलाकात हुई थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने भी अतिथि शिक्षकों के लिए स्थाई नियुक्ति बनाए जाने का आश्वासन दिया। किंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। दूसरी तरफ सरकार 2300 नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, जो युवाओं के साथ एक तरफ से खिलवाड़ क्योंकि प्रदेश में प्रभावित हो रहे अतिथि शिक्षकों का पद रिक्त ना होने की वजह से समायोजन नहीं हो पा रहा है, एलटी के 1400 पदों पर सीधी भर्ती और एलटी से प्रवक्ता पदोन्नति होने वाली है,इसके बाद 8 साल के अध्यापन कर रहे अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. जिस टीचरों का कहना है कि कई राज्यों में गेस्ट टीचरों के सुरक्षित भविष्य को देखते हुए वहां की सरकारों ने निर्णय लिया, लेकिन उत्तराखंड सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जबकि बीजेपी ने अपना जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसमें भी अतिथि शिक्षकों की भविष्य को स्थाई बनाने का वादा किया गया था,लेकिन उस पर भी भाजपा की सरकार काम नहीं कर रही है। कुल मिलाकर देखें तो गेस्ट टीचरों ने भाजपा के संकल्प पत्र को अपने भविष्य से जोड़ते हुए हथियार बनाने का काम कर दिया ऐसे में देखना यह होगा कि क्या गेस्ट टीचरों का यह दाव काम कर पाएगा और सरकार पर कोई दबाव इसको लेकर पड़ेगा।