देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में हरीश रावत और हरक सिंह रावत दो ऐसे नाम है,जो एक दूसरे पर जुबानी हमले करने से कभी नहीं चूकते हैं। उत्तराखंड में इन दिनों कांग्रेस की भीतर 2022 का चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा । इसको लेकर खूब घमासान मचा हुआ है। वहीं कांग्रेस में मचे घमासाल पर त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का ऐसा बयान सामने आया है,जिससे कांग्रेस के प्रीतम गुट के लोगों को बड़ा बल मिलेगा,जी हां हरक सिंह रावत का कहना है कि हरीश रावत कि कभी भी पार्टी के किसी नेता से नहीं पटती है। हरीश रावत बरगद के पेड़ की तरह है जो अपने नीचे किसी को नहीं पनपने देते है। जिस तरह बरगद के पेड़ के नीचे कोई वनस्पति नहीं उगती है,ठीक उसी तहर हरीश रावत है जो अपने नीचे किसी नेता को पनपने देते है। प्रीतम सिंह ही क्या हरीश रावत अपने नीचे किसी नेता को नहीं पनपने देते है। और उनसे भी हरीश रावत को यही तकलीफ रही है। हरीश रावत और उनके नाम में सब समनान है,ह, सिंह और रावत हरक सिंह रावत के नाम में भी और हरीश रावत के नाम में भी है और यही वजह है कि हरीश रावत को उनसे हमेशा तकलीफ रही है।
हाईकमान भी दे चुका है हरीश रावत को संदेश
यही नहीं हरक सिंह रावत का कहना है कि हरीश रावत को कांग्रेस हाईकमान ने संदेश दे दिया है, कि उन्हें 2022 में पंजाब में चुनाव लड़ वाना है ना कि उत्तराखंड में क्योंकि पंजाब और उत्तराखंड में एक साथ चुनाव होना है। ऐसे में हरीश रावत को समझ जाना चाहिए कि कांग्रेस ने उन्हें पंजाब का प्रदेश प्रभारी इसी लिए बनाया है कि उन्हें पंजाब में चुनाव लड़ाना है न कि उत्तराखंड में। उनकी एक आम आदमी के रूप में हरीश रावत को सुझाव है की हरीश रावत ने तो सब कुछ राजनीति में हासिल कर लिया है और वह केंद्र की राजनीति कर रहे हैं इसलिए उन्हें खुद ही उत्तराखंड से दूर हट जाना चाहिए। क्योंकि इस समय वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।