नई शिक्षा नीति पर हरदा का प्रहार,महाराज के उपदेशों की तरह नई शिक्षा नीति,निशाने पर निशंक भी
देहरादून । 34 साल के बाद केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गयी है,वहीं देशभर में शिक्षाविद नई शिक्षा नीति की सरहाना कर रहे है,लेकिन उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नई शिक्षा नीति को की तुलना उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रवचनों से तुलना की है,हरीश रावत का कहना कि जिस तरह सतपाल महाराज के प्रवचन कहा से शुरू कहा खत्म होते पता नही चलता ठीक उसी तरह नई शिक्षा नीति कहा से शरू हो रही है कहा खत्म हो रही है पता नही चल रहा है । नई शिक्षा नीति को प्रस्तुत करने वाले केंद्रीय शिक्षा मंत्री सतपाल महाराज के उपदेशों से प्रेरित नजर आए है और महाराज के उपदेशों को ग्रहण करते हुए उन्होंने नई शिक्षा नीति बनाई है। साथ ही हरदा ने कहा अगर पुरानी शिक्षा नीति इतनी ही खराब थी तो इस शिक्षा नीति को भी पूर्व की भाँति सदन में रखा जाता और वहस होती तो साफ हो जाता,जँहा इससे पहले देश की जीडीपी का 4.5 प्रतिशत खर्च होता था अब उसे 2.5 प्रतिशत पर ला कर खड़ा कर दिया है इससे इसकी गुडवत्ता का पता चलता है। साथ ही हरदा ने कहा सच्चाई ये है कि इस नीति में कुछ प्राइवेट सेक्टर पर निर्भरता बढ़ाई गई है और आरएसएस के दर्शन को लिया गया गया है।