Sunday, November 24, 2024
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कांग्रेस की टेंशन पर हरक का वार,कांग्रेस अब ना ही संभले तो अच्छा,काँग्रेस संभालना जनती तो वह आज भाजपा में नहीं कांग्रेस में होते

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस उत्तराखंड में इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। फिर भी कांग्रेस नेता एक जुट होने की बजाय गुटों में बंटे हुए नजर आ रहे है। हरीश रावत सरकार में हुई बगावत के बाद तो कांग्रेस संभलने से भी नहीं संभल रही है। हालत ये है कि आज कांग्रेस में गिनती के बड़े नेता है,लेकिन फिर भी कांग्रेसी नेताओं में बयानों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती। विपक्ष के नाते सरकार पर बयानों को लेकर भी पार्टी के नेताओं में एक राय नहीं होती है। लिहाज इसी स्थिति को भांपते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को पत्र भेजा। जिसमें उन्होने कांग्रेस नेताओं के उन बयानों का जिक्र किया है जिस पर कांग्रेसी नेताओं में एक राय नही बनी। साथ ही जनता में कांग्रेस पार्टी की छवि को लेकर भी प्रकाश जोशी ने सवाल उठाएं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भेजे प्रकाश जोशी के पत्र को लेकर खुद प्रीतम सिंह का कहना है कि कई बार कांग्रेसी नेताओं ने अति उत्साह में बयान दे दिया होगा कि प्रदेश सरकार के क्वांरनटाईन में जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए या नहीं लगना चाहिए । साथ ही प्रीतम सिंह का कहना है कि कांग्रेसी विधायकों के द्धारा वेतन कटौति पर एक निर्णय लिए जाने पर एक राय होनी चाहिए ये भी बात सही। लेकिन सवाल प्रीतम से यही बनता है कि जब आपको प्रकाश जोशी के उठाए हुए सावल सही लगे तो फिर प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रीतम सिंह ने पार्टी लाईन को एक जवाब देने के लिए क्यों नहीं कहा,साथ ही तीस प्रतिशत वेतन कटौति के निर्णय पर पार्टी के विधायकों की जनता में जब खूब किरकिरी हो गई पार्टी ने तब ये निर्णय लिया कि वह अपने वेतन कटौति पर सहमति देते है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अगर प्रकाश जोशी के उठाए हुए सवालों को सही ठहराते है तो फिर प्रीतम सिंह ने और इंद्रा हृदियेश ने मुख्यमंत्री के खिलाफ उस मुदे को क्यों नहीं उठाया जिसका खुलासा प्रकाश जोशी के पत्र से हो रहा है। जी हां कांग्रेस इस समय मित्र विपक्ष की भूमिका में ये किसी से छुपा नहीं है। इसी लिए कोराना महामारी के दौर में जहां उत्तराखंड की जनता परेशान है, और नेता प्रतिपक्ष के द्धारा जनता की समस्या के लिए मुख्यमंत्री को फोन करने पर ये कहा जाएं कि मुख्यमंत्री बैडमिंटन खेल रहे है तो फिर कांग्रेस ने इसे मुदा क्यों नहीं बनाया जिस बात का जिक्र प्रकाश जोशी ने अपने पत्र में किया । प्रकाश जोशी कहना है कि यही बात अगर कांग्रेस की सरकार हुई होती और कांग्रेस के मुख्यमंत्री महामारी के दौर में बैडमिंटन खेल रहे होते तो भाजपा इस पर बवाल काट देती।

हरक ने ली चुटकी

प्रकाश जोशी भेजे हुए पत्र को लेकर कांग्रेस के भीतर अलग – अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है,वहीं कांग्रेसी नेता भी अपने – अपने तरीके से मंथन में लगे हुए है कि आखिर पत्र के क्या माईने इस महामारी के दौर में लगाएं जाएं। लेकिन इन सब के बीच भजापा ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है और भजापा का कहना है कि भाजपा जिस बात को लगातर कह रही थी कि कांग्रेस इस महामारी के दौर में सरकार का सहयोग नहीं कर रही है और जनता के बीच भ्रमित करने वाले बयान दे रही है,कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी के पत्र ने भाजपा के उन बातों को सही साबित कर दिया है। लेकिन इन सब के बीच सवाल इस बात का है कि क्या कांग्रेस उत्तराखंड में सही में संभल नहीं रही है। इसी बात को लेकर जब सवाल कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से किया गया तो हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस अब ना ही संभले तो अच्छा है,लेकिन इतना वह कहना चाहते है कि यदि कांग्रेस संभलना जानति तो वह आज भाजपा में क्यों होते वह आज कांग्रेस में ही होते ।

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