स्मार्ट सिटी क्या सच मे बन गयी है सरदर्द,मेयर गामा ने सीएम को भेजा पत्र
देहरादून। उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे लेकिन आज कुछ ऐसे सवाल मेयर सुनील उनियाल गामा ने उठाए हैं,जिससे कहा जा सकता है कि वास्तव में स्मार्ट सिटी के कार्यों में झोल ही झोल नजर आ रहा है। स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर मेयर सुनील उनियाल गामा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भी भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि नगर का मेयर होने के नाते बड़े दुखी मन से बताना चाहता हूँ कि स्मार्ट सिटी देहरादून जनता के लिए सरदर्द बन गया है। बात चाहे शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर खुदी हुई सड़कों की करें या खुदे पड़े गड़डे की हो, बेतरतीब काम करते हुए पाईप लाईनों के टूटने की करें या फिर अव्यवहारिक रूप से कार्य करते हुए सीवर लाईनों क्षतिग्रस्त करने की, सभी जगह स्मार्ट सिटी देहरादून व ठेकेदार अव्यवहारिक कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हुए हैं। मुख्यमंत्री जी आपने कड़ा रूख अपनाते हुए स्मार्ट सिटी देहरादून के अन्तर्गत कार्य करने वाली एक कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किया था,जिससे जन प्रतिनिधियों एवं आम जनता में बहुत बड़ा सकारात्मक सन्देश गया है, परन्तु खेद के साथ अवगत कराना चाहता हूँ कि आप द्वारा की गयी दण्डात्मक कार्यवाही भी उनके लिए नजीर नहीं बन पा रही है, क्योंकि इनके द्वारा किये गये अव्यवहारिक कार्यों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पल्टन बाजार, परेड ग्राउण्ड, राजपुर रोड़ के नालों का कार्य जो स्मार्ट सिटी द्वारा विगत वर्ष नवम्बर में प्रारम्भ किया गया था वह भी जस का तस पड़ा हुआ है। कार्य में किसी भी प्रकार की कोई प्रगति नहीं हुई है और ऐसे ही न जाने कितने कार्य खामियों से भरे पड़े हैं जिनके चलते आम जनता का रोष भी लगातार जनप्रतिनिधियों के प्रति बढ़ रहा है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि स्मार्ट सिटी देहरादून के अब तक हुए समस्त कार्यों की वित्तीय जांच करायी जाय जिससे इसमें हुए भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके। इसके साथ ही इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे यह भी निवेदन करना चाहता हूँ कि सरकार द्वारा स्मार्ट
सिटी देहरादून व गैर जिम्मेदार ठेकेदारों के विरूद्ध कठोर रूख अपनाते हुए ऐसे फैसले लिये जायें जो स्मार्ट सिटी देहरादून व ठेकेदारों के लिए भविष्य में एक नजीर बने।