Apnu Uttarakhand

करें योग रहे निरोग के तहत कैसे करें अर्धचंद्रासन लेकर आएं है आपके लिए

देहरादून । करें योग रहे निरोग के तहत आज हम आपके लिए अर्धचंद्रासन लेकर आए है,कैसे इस आसन को किया जाता है और क्या इसके फायदे है ये सब उत्तराखंड की योग ब्रांड एम्बेसडर दिलराज प्रीत कौर बात रही है,तो चलिए समझते है कि कैसे इस योगा अभ्यास को करना है।

अर्धचंद्रासन कैसे करें

सबसे पहले घुटनों के बल खड़े हो जाएं, दोनों हाथों को साइड में रखें।
बाएं पैर से एक कदम आगे बढ़ाएं।
आगे की और झुकें और हथेलियों को बाएं पंजे के दोनों तरफ जमीन पर रखें।
दाहिने पैर को पीछे की ओर पूरा खीचें।
दाहिना घुटना, दाहिने पंजे के आगे का भाग और उंगलियां जमीन पर टिकी रहें।
पीठ को धनुषाकार में बनाएं और दोनों हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं। सिर को भी पीछे की ओर ले जाएं।  
दो से तीन मिनट तक इस अवस्था को बनाये रखें।
फिर हाथों को नीचे जमीन पर लायें। बाएं पैर को पीछे दाएं पैर के बगल में लाते हुए पुरानी अवस्था में लौटें और घुटनों के बल खड़े हो जाएं।

(Benefits of ardhchandrasa)

यह अभ्यास संतुलन विकसित करता है और शरीर के आगे वाले भाग में खिंचाव उत्पन्न करता है।
यह आसन पूरे शरीर को लचीला बनाता है।
यह गर्भाशय और मूत्र नली से संबंधित स्त्री रोगों में विशेष रूप से लाभकारी होता है।
यह आसन छाती और गर्दन को पर्याप्त खिंचाव प्रदान करता है, जिससे श्वसन सम्बन्धी समस्याओं, गले की खराश, टॉन्सिलाइटिस, खांसी और सर्दी से आराम पहुंचता है।

(Precautions of ardhchandrasan)
अगर आपको चक्कर की समस्या रहती है तो इस आसान को न करें।
लो ब्लड प्रेशर वाले इस आसन को न करें।
अगर आपको कमर दर्द या गर्दन में दर्द की समस्या है तो इस आसन को नजरअंदाज करें।
आसान को करते समय अगर आपको सिर दर्द महसूस होता है तो इसे तभी बंद कर दें।
डायरिया से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें।

Exit mobile version