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शिक्षकों का हुआ उत्पीड़न तो शिक्षक संघ जाएगा कोर्ट,शिक्षक संघ का साथ न देने वाले शिक्षक होंगे चिन्हित

 

देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ के द्वारा शिक्षकों की मांगों को लेकर जहां आर पार की लड़ाई का ऐलान जहां विभाग के साथ पहले ही कर दिया गया था,वही अपने आंदोलन के सभी चरणों को पूरा करने के बाद संगठन के द्वारा निर्णय लिया गया,कि संगठन शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाएगा,और शैक्षणिक कार्यों को किसी भी तरीके से बाधित नहीं किया जाएगा,शिक्षक केवल शैक्षणिक कार्य को ही करेंगे,जिसके तहत प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सम्भाल रहे, शिक्षकों के द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी को वापस कर दिया गया है, लगभग 90% प्रभारी प्रधानाचार्य के द्वारा अपनी जिम्मेदारी को वापस किया गया है,जिस पर शिक्षा विभाग के द्वारा कार्रवाई की बात कही गई,लेकिन शिक्षक संगठन के द्वारा इसे औचित्यहीन करार दिया गया है,लेकिन अब शिक्षक संगठन के द्वारा शिक्षकों की किसी भी तरीके के उत्पीड़न या दबाव बनाए जाने के खिलाफ कोर्ट में पैरवी करने की बात कही गयी है,इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है, कि यदि अगर शिक्षकों का उत्पीड़न विभाग के द्वारा किया जाता है तो विभाग इसके खिलाफ में कोर्ट में पैरवी करेगा।

 

संगठन का साथ न देने वाले होंगे चिन्हित

राजकीय शिक्षक संगठन के आवाहन पर करीब 10% प्रभारी प्रधानाचार्ययों के द्वारा अपना प्रभार वापस नहीं किया गया है, जिसको लेकर शिक्षक संघ गंभीर नजर आ रहा है, संगठन के द्वारा ऐसी शिक्षकों को चिन्हित किए जाने की बात कही गई है, बताया तो यह भी जा रहा है कि संगठन का साथ न देने वाले ऐसी शिक्षकों को चिन्हित कर शिक्षक संघ से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

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