भाजपा नेता की जनिहित याचिका पर शिक्षा सचिव को कोर्ट से निस्तारण करने के निर्देश,भाजपा नेता का बयान,प्राइवेट स्कूलों की लूट को नहीं करेंगे बर्दास्त
देहरादून । प्राइवेट स्कूलों में 3 महीने की फीस माफी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अपने 12 मई के आदेश को तब तक लागू रखने के निर्देश दिए है, जब तक शिक्षा सचिव इसमें निस्तारण नही करते,कोर्ट ने शिक्षा सचिव को 1 सप्ताह के भीतर प्राइवेट स्कूलों को 12 मई को आदेश को जारी रखने के निर्देश दिए हैं जिसमें कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए थे कि वह अभिभावकों को फीस के लिए ऑनलाइन माध्यम से फीस जमा करने के लिए मैसेज ना भेजें
भाजपा नेता की याचिका पर सरकार को निर्देश
आपको बता दें कि भाजपा नेता कि भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है,जिसमें 3 महीने की फीस माफ किए जाने पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नीति बनाने और शिक्षा सचिव को इस मामले पर निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया है । वही खास बात यह है कि प्राइवेट स्कूल को फीस माफ करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होनी थी लेकिन अब यह सुनवाई 7 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है । यानी कि अब जब तक प्रदेश सरकार या शिक्षा सचिव कोई नीति या निस्तारण नहीं करते हैं । तब तक प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से फीस 3 महीने की वसुलसने के लिए ऑनलाइन मैसेज नहीं भेजेंगे। साथ ही 7 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर पूरे प्रदेश के अभिभावकों की नजरें लगी हुई है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है क्योंकि 4 राज्यों में कोट ने लॉक डाउन पीरियड के दौरान फीस जमा न करने के लिए अभिभावकों पर दबाव न बनाने को लेकर फैसला सुनाया है।
लड़ाई रहेगी जारी – भाजपा नेता
वहीं भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह का कहना है कि जब तक अभिभावकों की पीड़ा का समाधान नहीं होता, तब तक वह इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे । मामला सुप्रीम कोर्ट में भी सुना जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों का पक्ष रखने के लिए उन्हें समय दिया है । ऐसे में कोर्ट ने अब 7 जुलाई को मामला सुनने के लिए लिए समय निर्धारित किया है । तो ऐसे में वह 7 जुलाई तक अभिभावकों क्या पक्ष रखने के लिए तैयारी कर रहे हैं । लेकिन इतना वह साफ कर देना चाहते हैं कि प्राइवेट स्कूलों की जो मनमानी खासकर राजधानी देहरादून के बड़े स्कूलों में चल रही है उसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में पुख्ता सबूतों के साथ अपना पक्ष रखेंगे। आखिर इस तरीके से उत्तराखंड के बड़े स्कूल अभिभावकों की जेब पर डाका डालते हैं साथ ही फीस एक्ट ना होने की वजह से उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करते आए हैं जिसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ाई लड़ते रहेंगे जब तक इस पर अभिभावकों को न्याय नहीं मिलेगा। खासकर वह कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग करने की भी प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ पक्ष रखेंगे । क्योंकि उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल अपनी आय का स्पष्ट उल्लेख नहीं करते इसलिए वह कोर्ट में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ आय को लेकर सीबीआई जांच की मांग करेंगे कि आखिर एक प्राइवेट स्कूल कि आखिरकार क्या कुछ आय हैं,क्योंकि उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल अपनी आय का स्पष्ट उल्लेख नहीं करते इसलिए वह कोर्ट में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ आय को लेकर सीबीआई जांच की मांग करेंगे कि आखिर एक प्राइवेट स्कूल कि आखिरकार क्या कुछ आय हैं