Monday, November 25, 2024
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करन माहरा का सरकार पर आरोप, मुख्यमंत्री को सवालों से बचाने के लिए सोमवार से नहीं होते सत्र

देहरादून। गैरसैंण में आयोजित किए गए बजट सत्र की समयावधि को लेकर जहां उततराखंड के कई विधायक सवाल उठा चुके है,विधायकों का कहना कि बजट सत्र सरकार के द्धारा काफी कम दिनों का किया गया है,जिसमें जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठ पाएंगी। वहीं विधानसभा में नेता उपसदन करन माहरा ने सत्र सोमवार से शुरू न करने को लेकर बड़ा सवाल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उपर लगाया है,करण माहरा का कहना कि 2 मार्च से भी सरकार सत्र शुरू कर सकती थी,लेकिन सोमवार के दिन मुख्यमंत्री से जुड़े विभागों के सवालों के जवाब मुख्यमंत्री को न देने पड़े इसलिए सरकार ने सत्र सोमवार की जगह मंगलवार को शुरू करावाया है,करन माहरा का कहना है कि ये पहली बार नहीं हो रहा है जब सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है सरकार ने एक परम्परा सी बना दी है कि सत्र सोमवार की बजाय मंगलवार या बुधवार से से शुरू कराया जाएं। करन माहरा की माने तो सोमवार के दिन मुख्यमंत्री से जुडे विभागों के सवाल विधायकों के द्धारा लगाएं जाते है लेकिन जब से उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार आई है मुख्यमंत्री के पास मौजूदा विभागों के सवालों का जवाब मुख्यमंत्री के द्धारा कम की दिए गए है।  सरकार ने गैरसैंण में कम दिनों का सत्र करावाया जबकि सरकार सोमवार से भी सत्र करावा सकती थी,लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस बार अगर सोमवार से सत्र शुरू भी होता तो तभी मुख्यमंत्री को अपने विभागों के सवालों का जवाब नहीं देना पड़ता क्योंकि बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होने के चलते सदन में प्रश्न काल न चलात है। लेकिन आरोप तो आरोप होते है लेकिन करन महारा के आरोपों में कितनी सच्चाई है कि उत्तराखंड में विधानसभा का सत्र मुख्यमंत्री को जवाब न देने की वजह से सोमवार को आयोजित नहीं होता है इसकी और तह तक हम गए तो पता चला कि त्रिवेंद्र सरकार आने के बाद अब तक 11 बार सत्र आयोजित हुए है,जिनमे केवल तीन बार ही सोमवार को सत्र की शुरूवात हुई जबकि 4 बार मंगलवार को तो 4 बार बुधवार को सत्र शुरू हुए । यानी 8 बार सोमवार को छोड़कर पिछले तीन सालों में सत्र आयोजित हुए।

               साल 2020 में आयोजित सत्र  
7 जनवरी 2019 एक दिवसीय मंगलवार को आयोजित हुआ ।

                साल 2019  में आयोजित सत्र
4 दिसम्बर से 10 दिसम्बर तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात बुधवार से हुई।
24 जून से 26 जून तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात सोमवार से हुई।
11 फरवरी से 22 फरवरी तक आयोजित सत्र की शुरूवात सोमवार से हुए,लेकिन राज्यपाल के बजट भाषण से प्रश्नकाल नहीं चला।

              साल 2018  में आयोजित सत्र
4 दिसम्बर से 7 दिसम्बर तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात मंगलवार से हुई।
18 सितम्बर से 24 सितम्बर तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात मंगलवार से हुई ।
20 मार्च से 26 मार्च तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात मंगलवार से हुई ।

                 साल 2017 में आयोजित सत्र
7 दिसम्बर से सत्र की शुरूवात बुधवार से हुई।
8 जून से 15 जून तक आयोजित हुआ सत्र,सत्र की शुरूवात बुधवार से हुई।
1 मई से 2 मई तक आयोजित  सत्र, सत्र की शुरूवात सोमवार से हुई।
23 मार्च से 28 मार्च तक आयोजित सत्र,सत्र की शुरूवात बुधवार से हुई।

  • वही अगर बात विधानसभा में सत्र के दौरान कोन से मंत्री के विभागों के सवाल कोन से वार को लगे होते है तो ये भी आपको बता देते है ।
  • सोमवार – मुख्यमंत्री के पास मौजूदा विभागों के साथ राज्यमंत्री रेखा आर्या के पास मौजूदा विभागों से जुड़े सवालों को प्रश्नन काल में उठाया जाता है।
  • मंगलवार – कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के पास मौजूदा विभागों के सवाल प्रश्नन काल मे उठते है।
  • बुधवार – कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पास मौजूदा विभागों के सवाल प्रश्न काल मे उठते है।
  • गुरुवार – कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और राज्य मंत्री धन सिंह रावत के पास मौजूदा विभागों के सवाल प्रश्नन काल मे उठते है।
  • शुक्रवार – कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के पास मौजूदा विभागों के सवाल प्रश्नन काल मे उठते है ।

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