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सीएम के आश्वासन पर माने विधायक दुर्गेश लाल,क्या विधायक की मांग पर डीएफओ का होगा ट्रांसफर,सीएम धामी के निर्णय पर टिकी नजरें

देहरादून। पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश लाल के द्वारा उनके क्षेत्र में डीएफओ की मनमानी को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल से डीएफओ के ट्रांसफर की मांग की जा रही थी लेकिन आज वन मंत्री से मुलाकात के दौरान डीएफओ के ट्रांसफर न किए जाने से नाराज भाजपा विधायक दुर्गेश लाल के द्वारा वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर यमुना कॉलोनी में धरने पर बैठ गए,जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा मामले का खुद संज्ञान लेते हुए दुर्गेश लाल और उनके साथ उनके क्षेत्र के जो भी जनप्रतिनिधि उनके साथ धरने पर बैठे थे,उन्हें मुख्यमंत्री आवास में बुलाया गया और पूरे मामले को लेकर विस्तार से जानकारी ली गई, कि आखिरकार क्या कुछ मामला पूरा घटा है,जिस पर मुख्यमंत्री ने जनता के हितों को सर्वोपरि बताते हुए विधायक दुर्गेश लाल को मान लिया गया है, और व्यक्ति विशेष के हितों को प्राथमिकता न देते हुए जनता के हितों को सर्वोपरि बताया गया है, जिसके बाद दुर्गेश लाल मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद मान गए और अपने साथियों को भी मान लिया जो उनके साथ वन मंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठे थे।

भाजपा विधायक दुर्गेश लाल का कहना है कि उनके क्षेत्र में दो डीएफओ मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं,और आम जनता के बेवजह के चालान काटे जा रहे हैं,यहां तक की जंगल से कोई सूखी लकड़ी भी लेकर आ रहा है, तो उसका चालान काटा जा रहा है जबकि जो विकास कार्य होने हैं उन पर अड़ंगा डालने का काम दोनों डीएफओ कर रहे हैं। दोनों डीएफओ के ट्रांसफर की मांग को लेकर वह वन मंत्री के पास गए थे लेकिन वन मंत्री ने उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया जिसके बाद वह वन मंत्री की आवास के बाहर धरने पर बैठ गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद उन्हें फोन कर मुख्यमंत्री आवास में बुलाया और जनता के हितों को सर्वोपरि बताया जिसके लिए वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हैं कि मुख्यमंत्री ने व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि जनता के हितों को सर्वोपरि बताया है। विधायक दुर्गेश लाल का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि के नाते जो भी शिकायतें उन्हें मिलती हैं उनको उठाने का काम वह करते हैं और यदि जनता के साथ किसी तरीके का अन्याय होता है तो उसकी आवाज उठाना उनका पहला कर्तव्य है क्योंकि जनप्रतिनिधि को चुनने का काम जानता ही करती है और कोई भी चुनाव होता है तो जनप्रतिनिधि जनता की बीच ही जाते हैं इसलिए जनता की आवाज वह उठाते रहेंगे।

मुख्यमंत्री के निर्णय पर टिकी नजरें

कुल मिलाकर देखें तो अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मामले में क्या कुछ रख अपना आते हैं इस पर सभी की नजरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर टिक गई है कि आखिर क्या विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोनों डीएफओ का ट्रांसफर करते हैं या फिर किसी तरीके की जांच पहले की जाएगी और उसके बाद कोई करवाई होगी यह देखना होगा लेकिन देखना सबसे पहले यही होगा कि आखिरकार मुख्यमंत्री पहले जांच या फिर सीधे ट्रांसफर करने का आदेश जारी करते हैं या मामले को शांत होने का इंतजार करने देते हैं।

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