उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड में पिछले एक माह में 150 से ज्यादा लोगों की आपदा व दुर्घटनाओं में मौत – धस्माना,मुख्यमंत्री से की मांग

देहरादून : उत्तराखंड में पिछले डेढ़ महीने से आपदाओं व दुर्घटनाओं के कारण जगह जगह मौत ने तांडव किया है। अधिकांश मौत सड़क दुर्घटनाओं से व बारिश के कारण उधड़ी पड़ी सड़कों के धसाव भूस्खलन चट्टान व बोल्डर गिरने व करंट से हुई हैं । पिछले एक महीने में 150 लोग इन घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन केंद्र व राज्य की सरकारें इनको केवल दुर्घटना मान कर उदासीन बनी हुई है और ऐसी दुर्घटनाओं की रोक थाम के लिए कोई असाधारण प्रयास नहीं किये जा रहे यह आरोप आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैम्प कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाए।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि यह अत्यंत अफसोसनाक स्थितियां राज्य में बहु प्रचारित आल वैदर रोड के अवैज्ञानिक तरीके से गढ़वाल के पहाड़ों का अंधाधुंध कटान व सुरंगों के खुदान के कारण पैदा हुई। धस्माना ने कहा कि मध्य हिमालय के इस बेहद संवेदनशील गढ़वाल संभाग में सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर अंधाधुंध ब्लास्टिंग रॉक कटिंग व भारी मशीनों का इस्तेमाल किया गया उससे पूरा पहाड़ हिल गया ही और अब सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर ऊपर से बोल्डर व चट्टाने गिर रहीं हैं व सड़क धंस कर गायब हो रही है । धस्माना ने कहा कि विकास के नाम पर मचाई गयी इस आपाधापी के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं और पूरे गढ़वाल संभाग में हर जिला इस समय आपदा से घिरा हुआ है और राजभर की सिकड़ों सड़कें आज बन्द हैं। धस्माना ने कहा कि चमोली की करंट लगने से 17 लोगों की मृत्यु भी मानव जनित लापरवाही के कारण हुई लेकिन इन सब घटनाओं से राज्य सरकार पल्ला झाड़ती नज़र आ रही है। धस्माना ने कहा कि यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ व बद्रीनाथ जी सारे धामों को जाने वाले मार्गों की हालात बहुत खराब है लेकिन सरकार व पर्यटन विभाग यात्रियों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से लापरवाह व उदासीन बने हुए हैं। धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे राज्य में आपदा है किंतु प्रभारी मंत्री बजाय लोगों के बीच सहायता व राहत पहुंचाने की बजाय राजधानी में बैठे हैं या दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं।  धस्माना ने मुख्यमंत्री से मांग करी कि वे राज्य के सभी मंत्रियों को अपने अपने प्रभार वाले जनपद में सप्ताह में कम से कम दो दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जा कर लोगों की सहायता करने के निर्देश दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!