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शिक्षक संगठन के चुनाव को लेकर शिक्षा विभाग का नया आदेश जारी,शिक्षक नेताओं ने आदेश पर आदेश जारी करने को लेकर उठाये सवाल

देहरादून। 6 और 7 जुलाई को अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संगठन का प्रांतीय अधिवेशन होना है,जिसमें राजकीय शिक्षक संगठन की नई प्रांतीय कार्यकारिणी का भी चयन होगा। लेकिन इन सबके बीच जिस तरीके से शिक्षा विभाग के द्वारा चुनाव को लेकर शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर चुनाव में आदेश पर आदेश निकाले जा रहे हैं, उसको लेकर शिक्षक नेताओं ने सवाल खड़े किए। राजकीय शिक्षक संगठन के प्रांतीय महामंत्री जोकि इस बार राजकीय शिक्षक संगठन के चुनाव में अध्यक्ष के उम्मीदवार के रूप में सामने हैं,उन्होंने कहा है कि राजकीय शिक्षक संगठन की इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब संगठन के चुनाव के लिए शिक्षा विभाग को 3 – 3 आदेश जारी करने पड़ रहे हैं। जो कि एक चिंतनीय विषय। वही राजकीय शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान जो कि इस बार भी अध्यक्ष की दावेदारी कर रहे हैं,उन्होंने साफ तौर से कहा है कि वह राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष पद का चुनाव जीते हैं तो इस तरीके के आदेशों का पूरी तरीके से विरोध किया जाएगा. क्योंकि यह शिक्षकों के साथ सही नहीं है, क्योंकि हर शिक्षक,शिक्षक संगठन में सदस्यता शुल्क के रूप में अपनी भागीदारी अदा करता है,लेकिन उसे चुनाव में प्रतिभाग करने से रोका जा रहा है जो कि सही नहीं है।

वहीं राजकीय शिक्षक संगठन के चुनाव में प्रांतीय महामंत्री को लेकर दावेदारी कर रहे अंकित जोशी का कहना है कि पहले तो राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन का प्रथम दिवस शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी के रूप में संचालित किया जाता है,इसलिए इसमें सभी शिक्षक आमंत्रित होने चाहिए थे। सभी प्रकार के कार्मिकों के अधिवेशनों में सभी सदस्य प्रतिभाग करते हैं इसलिए आम शिक्षकों के अधिवेशन में उन्हें भी प्रतिभागिता का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए । दूसरे 1 जुलाई को जो अस्पष्ट आदेश निर्गत हुआ यदि उसके स्थान पर यह स्पष्ट आदेश निर्गत हुआ होता तब भी अधिकतर शिक्षक इस अधिवेशन में प्रतिभाग कर पाते किंतु आज देरी से निर्गत इस आदेश से अधिवेशन स्थल से दूर के शिक्षक इस आदेश से लाभान्वित नहीं हो सकेंगे ।

आदेशों में क्या है अंतर

1 जुलाई को शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश में कहां गया था कि राजकीय शिक्षक संगठन संविधान के अनुरूप सम्मेलन में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर कार्यवाही कर सकता है लेकिन 4 जुलाई यानी कि आज विभाग के द्वारा एक और आदेश जारी किया गया है जिसमें राजकीय शिक्षक संगठन के अधिवेशन में वैध प्रतिनिधि यानी कि दिल्ली गेट के अतिरिक्त एक विद्यालय से इच्छुक अधिकतम दो अन्य राजकीय शिक्षक संघ के सदस्य अधिवेशन में प्रतिभाग करने की अनुमति दी गई है इस हेतु राजकीय शिक्षक संघ के सदस्यों को किसी प्रकार का मार्ग यदि नहीं होगा तथा वापसी पर उन्हें अधिवेशन में प्रतिभाग करने का संयोजक का प्रमाण पत्र अपने विद्यालय में प्रस्तुत करना होगा इसके अतिरिक्त समस्त अन्य शिक्षकों द्वारा विद्यालय में सुचारू रूप से पठन-पाठन का कार्य संपादित किया जाएगा किसी भी दशा में विद्यालय का शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होगा यदि कोई शिक्षक उक्त अवधि में अनाधिकृत रूप से विद्यालय से अनुपस्थित पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही भी की जाएगी। यही वह आदेश है जिसको लेकर शिक्षक नेता विभाग पर सवाल खड़े करने।

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