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13 जिलों में जाकर खास अंदाज में पांडेय मनाएंगे हरेला पर्व,इंग्लिश मीडियम स्कूलों को शुरू करने पर भी मंथन

देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने इस साल हरेला पर्व खास अंदाज में मनाने का निर्णय लिया है,जी हां शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय 6 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक प्रदेश के 13 जिलों का भ्रमण कर हरेला पर्व मनाएंगे,इस दौरान अरविंद पाण्डेय प्रदेश के 13 जिलों में 100 से ज्यादा जगहों पर वृक्षारोपण करेंगे,वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ ही अरविंद पाण्डेय इस बार हरेला पर्व मानने के साथ पहाड़ो में शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रदेश में खुलने वाले 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को लेकर भी जनप्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।

अस्कोट से आराकोट कार्यक्रम का नाम

13 जिलों में मनाएं जाने वाले हरेला पर्व कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री ने “हरेला कार्यक्रम अस्कोट से आराकोट” नाम दिया है। इस कार्यक्रम की खास बात ये है कि अरविंद पाण्डेय इस कार्यक्रम को प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में जाकर मनाएंगे,ऐसा उत्तराखंड में पहली बार होगा जब कोई कैबिनेट मंत्री व्यापक स्तर पर हरेला पर्व को मनाने जा रहे है। 6 जुलाई को गदरपुर में अपने आवास में हरेला का बीज बोकर अरविंद पाण्डेय इस कार्यक्रम की शुरूवात करेंगे । वहीं प्रदेशभर का भ्रमण कर अरविंद पाण्डेय 16 जुलाई को अपने आवास पर पहुंचकर हरेला को काटेंगे। हरेला पर्व का ये कार्यक्रम ज्यादातर सरकारी स्कूलों में वृक्षारोपण कर मानया जाएंगा।

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को लेकर संवाद

शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय का ये दौरा जितना महत्वपूर्ण हरेला पर्व के प्रचार – प्रसार के लिए माईने रखता है, उससे कई अहम इस दौरे के माईने शिक्षा विभाग के लिए है। जी हां शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में हर ब्लाॅक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को खोलने का ऐलान किया है और अपने इस दौरे में अरविंद पाण्डेय जिलों में जाकर जनप्रतिनिधियों की राय ई – संवाद के जरिए लेकर स्कूलों को खोलने का निर्णय लेंगे कि किन क्षेत्रों में ये स्कूल खुलेंगे। आपको बतादे कि शिक्षा मंत्री ने “अटल उत्कृष्ट विद्यालयों “को इंलिश मीडियम के तहत संचालित करने का निर्णय लिया है जो सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होंगे। कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 के इन स्कूलों में इंलिश में पढ़ाई होगी। उत्तराखंड में पलायन की मुख्य वजह पहाड़ों में बेहतर शिक्षा का न होना है,लेकिन प्रदेश के 95 ब्लाकों में ये स्कूल वास्तव में खुल गए और जो सपना शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने अभिभवकों को दिखा दिया है उससे उत्तराखंड में पलायन को रोका जा सकता है, क्योंकि  जब अभिभावकों को अपने ब्लाॅक में ही अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा मिल जाएंगी तो फिर वह पहाड़ छोडकर मैदानी क्षेत्रों में जाने को मजबूर नहीं होंगे। 

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