Exclusive :शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के गृह जनपद में बिना मान्यता के चल रहा था प्राइवेट स्कूल,जिला शिक्षा अधिकारी ने की बड़ी कार्रवाई
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर है, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की गृह जनपद पौड़ी जिले में बिना मान्यता के 2 सालों से प्राइवेट स्कूल का संचालन हो रहा था। खास बात यह है कि बिना मान्यता के खुले इस प्राइवेट स्कूल की वजह से गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल को सरकार को बंद करना पड़ा क्योंकि बिना मान्यता के संचालित हो रहे प्राइवेट स्कूल की वजह से बेसिक स्कूल में छात्र संख्या शून्य हो गई थी। पौड़ी जिले की मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज के द्वारा स्कूल का निरीक्षण किया गया जिसमें स्कूल बिना मान्यता के संचालित होना पाया गया मौके पर ही मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने स्कूल संचालक पर 100000 का आर्थिक दंड लगा दिया । साथ ही आर्थिक दंड जमा न करने पर स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। बिना मान्यता का यह प्राइवेट स्कूल पौड़ी जनपद के कालेश्वर में निधि पब्लिक स्कूल के नाम से संचालित हो रहा था। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज का कहना है कि आरटीई नियमों की विरुद्ध बिना मान्यता की स्कूल संचालित किया जा रहा था जिसको लेकर उन्होंने कार्रवाई की है एक लाख का अर्थदंड लगाया गया है और यदि धनराशि जमा नहीं होती है तो प्रतिदिन एक लाख अर्थदंड पर दस हजार अतिरिक्त बढ़ते जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कूल का औचक निरीक्षण किया जाना भी एक किस्सा है, अन्यथा जिस तरीके से बिना मान्यता के स्कूल संचालित हो रहा था उसका पता भी ना चल पाता। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज का कहना है कि बोर्ड परीक्षा के सेंटर का निरीक्षण के दौरान वह कालेश्वर पहुंची थे,जहां उन्होंने बोर्ड परीक्षा सेंटर का निरीक्षण किया और जानकारी हासिल की कि आखिर प्राथमिक विद्यालय गांव में कहां संचालित हो रहा है,लेकिन उन्हें जानकारी मिली कि 2 वर्ष पूर्व प्राथमिक विद्यालय छात्र संख्या शून्य होने की वजह से बंद हो गया। जिसके बाद उन्होंने उस प्राइवेट स्कूल नहीं जाना उचित समझा जिसकी वजह से सरकारी विद्यालय पर ताला लग गया लेकिन प्राइवेट स्कूल में पहुंचने के बाद उन्होंने स्कूल की मान्यता दिखाई जाने का सवाल किया तो स्कूल प्रबंधक ने कहा कि वह मान्यता ले लेंगे। जिसके बाद उन्होंने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई मौके पर ही कर दी।
सरकारी शिक्षकों की भूमिका भी कई जगहों पर सन्दिग्ध
उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों के बंद होने में कई बार शिकायतें मिली है कि दूरदराज के क्षेत्रों में जहां सरकारी शिक्षक पढ़ाना नहीं चाहते हैं वहां वह छात्र संख्या शून्य करवाने का विकल्प ढूंढते हैं ताकि उनकी पोस्टिंग कहीं और हो जाए इन्हीं शिकायतों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज का कहना है कि यदि किसी प्राइमरी स्कूल को बंद करने में किसी सरकारी शिक्षक की भूमिका पाई जाती है तो उसकी भी जांच की जाएगी और कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।