एलटी से प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन को लेकर वार पलटवार,शिक्षा मंत्री को शिक्षा विभाग के द्वारा गलत जानकारी देने का आरोप
देहरादून। एलटी से प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन को लेकर कल शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत के द्वारा बयान दिया गया था,जिसमें उन्होंने एलटी शिक्षकों में से ही किसी शिक्षक के द्वारा मामला कोर्ट में दायर करने की बात कही थी,जिस पर कोर्ट का निर्णय आना बाकी है,शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने साथ ही कहा था कि मामला कोर्ट में होने के चलते उनके पास प्रमोशन को लेकर बनी हुई अगर यह शिक्षक आपस में एक राय बना दें और जो शिक्षक कोर्ट में गए हुए हैं वह अपने वादों को वापस ले ले तो 1 हफ्ते में प्रमोशन हो जाएंगे। वहीं शिक्षा मंत्री के इस बयान पर शिक्षकों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की वजह से नहीं बल्कि शिक्षा विभाग की वजह से प्रमोशन की प्रक्रिया लटकी हुई है। जबकि शिक्षा मंत्री और सरकार को भी गलत जानकारी विभाग के अधिकारी दे रहे हैं। आपको दो बयान सुनाते हैं, जिससे आप समझ जाएंगे के आखिर पूरा मामला क्या है,पहला बयान शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का और दूसरा बयान राजकीय शिक्षक संघ के एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ० अंकित जोशी का है।
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अंकित जोशी के बयान आपने सुन लिया होगा जिसमे वह साफ तौर से कह रहे हैं कि एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के संबंध में विभाग द्वारा शासन और सरकार को गुमराह किया गया है । किसी भी शिक्षक के वाद पर एलटी से प्रवक्ता पदों की पदोन्नतियों पर स्टे नहीं है । केवल ट्रिब्यूनल द्वारा 21 अप्रैल, 2022 के आदेश में तीन माह तक पदोन्नतियों पर रोक लगाई गई थी और साथ ही विभाग को इन तीन महीनों में वरिष्ठता निर्धारण करने हेतु आदेशित किया गया था किंतु विभाग द्वारा शासन और सरकार को एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के संबंध में भ्रमित किया गया है । विभाग को चाहिए था कि ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुपालन में वरिष्ठता का निर्धारण कर पदोन्नति करता लेकिन विभाग ने मामले को उच्च न्यायालय में डालने के बहाने से पिछले अप्रैल से आज तक लटका कर रखा है और वाद भी दाखिल नहीं किया। एल टी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति न हो पाने से न केवल शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है बल्कि छात्रों के साथ भी अन्याय हो रहा है । इण्टरमीडिएट स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में प्रवक्ता के पदों के रिक्त होने से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । विभाग की अनिर्णयता और इस मसले पर उदासीन रवैये से आज ऐसी स्थिति हो गई है की एलटी का शिक्षक 28-30 वर्षों तक इसी पद पर सेवानिवृत्ति पा रहा है और कुंठित व हताश है । विभाग बताये कि आख़िर किस एलटी शिक्षक के वाद से एलटी से प्रवक्ता पदों की पदोन्नतियों पर रोक लगी है, हम अपने उस साथी से वाद वापस करवाते हैं । माननीय उच्च न्यायालय में हजारों की संख्या में विभाग के विरूद्ध वाद दायर तो हैं लेकिन एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति की रोक/स्टे इनमें से किसी भी वाद के माध्यम से नहीं है । विभाग यदि वरिष्ठता पर निर्णय लेता है तो कल ही एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति हो सकती है ।