सतपाल महाराज पर हो हत्या का मुकदमा दर्ज – कांग्रेस,कैबिनेट बैठक में शामिल होने पर भी कांग्रेस ने उठाएं सवाल
देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घर में क्वारन्टीन का नोटिस चस्पा होने के बावजूद कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेकर सभी को खतरे में डाल दिया। दसौनी ने सवाल किया कि क्या सरकार के मंत्री आरोग्य सेतु एप इस्तेमाल नहीं करते हैं। महाराज की एक लापरवाही से कोरोना संक्रमण से जूझ रहा राज्य ही अधर में लटक गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कोरोना माहमारी के चलते देश और प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू है। लेकिन उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठतम मंत्री ने केंद्र की गाइड लाइन को हवा में उड़ा दिया। आज ना सिर्फ खुद सतपाल और उनका परिवार बल्कि स्टाफ समेत डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित है। गरिमा ने कहा कि महाराज के घर के बाहर पहले से ही क्वारन्टीन का नोटिस चस्पा था। इसके बावजूद वह कैबिनेट में हिस्सा लेते रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसरों समेत पूरी सरकार को ही खतरे में डाल दिया। तो क्या सतपाल महाराज के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए? दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मरकज से आए लोगों पर हत्या और हत्या के प्रयास सरीखी आपराधिक धाराएं लगाने का फरमान जारी किया था। महाराज ने भी जाने अनजाने उसी तरह की लापरवाही की है। उन्होंने पूछा है कि क्या सरकार के मंत्री आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल नहीं करते हैं जो महाराज के संक्रमित होने का पता नहीं चला। गरिमा दसौनी ने कहा कि आज मुख्यमंत्री और कई मंत्री क्वारन्टीन हो गए हैं। जिससे राज्य में अभूतपूर्व संकट की स्थिति पैदा हो गई। वो ऐसे वक्त जबकि राज्य में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा एक हजार पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन और क्वारन्टीन क उल्लंघन पर आम आदमी पर कार्रवाई होती रही है। लेकिन महाराज की लापरवाही ने तो पूरे राज्य को अधर में डाल दिया है। इसलिए मंत्री के खिलाफ सख्त आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज होना ही चाहिए।