बाल्य देखभाल के लिए दूसरे वर्ष में 20 प्रतिशत वेतन कटौती को लेकर सचिवालय संघ हुआ मुखर,आदेश में बदलाव करने की मांग
देहरादून। राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों व एकल अभिभावक (महिला व पुरूष) को वित्त विभाग के नवीनतम शासनादेश दिनांक 01.06.2023 के द्वारा अनुमन्य बाल्य देखभाल अवकाश के द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत वेतन ही देने तथा 20 प्रतिशत की कटौति के विरूद्ध आज सचिवालय संघ द्वारा प्रभावित महिला कार्मिकों की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव, वित्त आनन्द बर्द्धन से वार्ता की गई। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी एवं महासचिव विमल जोशी के नेतृत्व में भारी संख्या में सचिवालय में कार्यरत महिला अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा इस प्रमुख मांग को लेकर अपना पक्ष रखते हुए संघ के पूर्व पत्र दिनांक 02.06.2023 पर अब तक कोई कार्यवाही अमल में न लाये जाने का संज्ञान कराते हुए महिला कार्मिकों को पूर्व से अनुमन्य 02 वर्ष के बाल्य देखभाल काल के अनुरूप ही पूर्ण वेतन पर यह सुविधा निरन्तर बनाये रखने का अनुरोध किया गया।
भेंट वार्ता में संघ द्वारा महिला कार्मिकों के बाल्य देखभाल काल में द्वितीय वर्ष पर मात्र 80 प्रतिशत ही वेतन की अनुमन्यता व 20 प्रतिशत की कटौति का पुरजोर विरोध अपर मुख्य सचिव, वित्त के समक्ष दर्ज किया गया तथा स्पष्ट रूप से यह मांग की गई कि इससे पूर्व से चली आ रही व्यवस्था में कभी भी इस तरह की कटौति का कोई प्राविधान नहीं था, जिसमें किये गये बदलाव में वेतन कटौति का यह बदलाव किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। यह केवल सचिवालय की महिला कार्मिकों से ही सम्बन्धित न होकर सम्पूर्ण प्रदेश की महिला अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ एकल अभिभावक (महिला व पुरूष कार्मिक) से सम्बन्धित है, जिस कारण इस पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करते हुए उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित की गई वेतन कटौति की व्यवस्था को हटाते हुए पूर्व की भांति 02 वर्ष का बाल्य देखभाल अवकाश बिना किसी वेतन कटौति के आधार पर अनुमन्य किये जाने हेतु वित्त विभाग के शासनादेश दिनांक 01.06.2023 में आवश्यक संशोधन तत्काल निर्गत कराया जाय।
सचिवालय संघ द्वारा महिला कार्मिकों के हित में रखे गये प्रभावी पक्ष को सुनने के उपरान्त अपर मुख्य सचिव, वित्त द्वारा द्वितीय वर्ष के बाल्य देखभाल अवकाश में की गई 80 प्रतिशत वेतन अनुमन्यता व 20 प्रतिशत कटौति को दुरूस्त करते हुए पूर्व की भांति 02 वर्ष के बाल्य देखभाल अवकाश को बिना वेतन कटौति के आधार पर अनुमन्य किये जाने हेतु वित्त विभाग के शासनादेश में सक्षम स्तर से संशोधन कराये जाने की बात कही गई। भेंट वार्ता में संघ के सदस्य लालमणि जोशी, महेश पाण्डेय, रीना शाही, दीपिका नेगी, मंजुलता, सपना नेगी, रानी, नीरू जोशी, रेखा शर्मा, पुनीत पाल, अंजली बिष्ट, प्रियंका चौहान, सुभाषिनी बहुगुणा, रूक्मणि राजोरिया आदि द्वारा अपनी उपस्थिति के साथ अपना पक्ष रखा गया। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया कि अपर मुख्य सचिव, वित्त से हुई सकारात्मक वार्ता के उपरान्त बाल्य देखभाल अवकाश से सम्बन्धित प्रतिकूल वाक्यांश को जल्द ही शासनादेश से हटाते हुए सचिवालय सहित प्रदेश की महिला कार्मिकों हेतु लागू की गई बाल्य देखभाल अवकाश में द्वितीय वर्ष में 20 प्रतिशत की कटौति को रोके जाने का संशोधित आदेश निर्गत कराया जायेगा।