गेस्ट टीचरों के साथ जमीन पर बैठकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दिया सुझाव,गेस्ट टीचरों का कैसे सँवरे सुरक्षित भविष्य बताया रास्ता
देहरादून। उत्तराखंड में चुनावी साल को देखते हुए प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे गेस्ट टीचर अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि गेस्ट टीचर सरकार से लगातार अपने सुरक्षित भविष्य को संवारने की मांग कर रहे हैं। खास बात ये है धाति कैबिनेट की पहली बैठक और कुछ दिनों पहले हुई कैबिनेट बैठक में भी गेस्ट टीचरों को पदों को रिक्त न माने जाने को लेकर सरकार फैसला ले चुकी है। लेकिन कोर्ट का वह आदेश गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त न माने जाने को लेकर शासन स्तर पर जीओ के रूप में अडिंगा बना हुआ है,जिसमें गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त माने जाने का निर्णय कोर्ट ने सुनाया है। यही वजह है कि सरकार चाहकर भी गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त न माने जाने का आदेश जारी नहीं करा पा रही है। वहीं दूसरी तरह राजकीय शिक्षक संगठन से साफ किया हुआ है,कि यदि सरकार गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त नहीं मानती है तो फिर वह कोर्ट जाएंगे। इसी विडम्बना के बीच आज गेस्ट शिक्षक सुबोध उनियाल से मिले है और अपने सुरक्षित भविष्य की चिंता को लेकर मांग करने लगे।
उत्तराखंड में आम तौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है,जब कोई मंत्री किसी संगठन की मांग को लेकर उनके साथ जमीन में बैठकर ये चर्चा करें कि कैसे उनकी मांग को पूरा किया जाए। लेकिन कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आज अपने यमुना काॅलोनी आवास पर गेस्ट शिक्षकों के साथ जमीन में अपने आंगन में बैठकर एक – एक बात को बारीके से समझते हुए गेस्ट टीचरों की मांग का सुना। तस्तवीर में भी आप देख सकते है कि किस तरह गेस्ट शिक्षकों की मांगों को लेकर सुबोध उनियाल गेस्ट शिक्षकों के साथ बैठे।
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