राज्य आंदोलनकारियों की सरकार को चेतावनी, नहीं मानी गयी मांग,तो सीएम आवास तक करेंगे जूतों की माला पहनकर विरोध
देहरादून । उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन आंदोलनकारियों के सबसे बड़े संगठन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के मुख्य केन्द्रीय संरक्षक व उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने पिछले 3 साल में भाजपा राज में एक भी उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी का चिन्हिकरण ना किए जाने से नाराज आंदोलनकारियों की तरफ से राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया व कहा कि यदि अट्ठारह जुलाई तक राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों की बात न सुनी व जिलों -जिलों में चिन्हिकरण की प्रक्रिया शुरू ना किया गया तो पूरे राज्य ने आन्दोलनकारी 18 जुलाई से 14 अगस्त तक तीन चरणों में 3 दिन , विभिन्न गांधीवादी तरीकों से सत्याग्रह आंदोलन करेंगे।
विरोध की रूप रेखा तैयार
दिल्ली समेत उत्तराखंड के आंदोलनकारियों की 3 घंटे चली वीडियो कांफ्रेंस के बाद धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी पिछले 3 सालों से उनके चिन्हिकरण ना किए जाने से नाराज हैं , सरकार को कई ज्ञापन दिए जाने के बावजूद उसके द्वारा सन ऑफ सुनवाई ना किए जाने से दुखी होकर यह तय किया गया है कि वे अपने तीन दिवसीय आंदोलन जो तीन सत्रों में चलाएंगे, पहले दिन 19 जुलाई को गांधी टोपी पहन कर और अर्धनग्न रहकर राज्य सरकार की “आंदोलनकारी विरोधी नीति” का विरोध करेंगे। वही 2 सप्ताह में सरकार के द्वारा निर्णय न लिया गया तो आंदोलनकारी 3 अगस्त को राज्य भर में अपनी उपेक्षा के विरुद्ध “कच्छा मार्च” करेंगे और उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार ना मानी तो स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को धीरेन्द्र प्रताप स्वयं “गले में जूतों की माला” पहन कर घंटाघर से लेकर देहरादून के मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करेंगे। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उत्तराखंड राज्य राज्य निर्माण आंदोलन आंदोलनकारियों के त्याग ,तपस्या और परिश्रम की देन है परंतु अब सरकार तो क्या अब अखबार तक के लोग तिल -तिल कर और एक एक करके राज्य निर्माण के 20 साल बाद चिन्हित ना होने की पीड़ा व गम ले कर मरते जा रहे ,राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि स्वरूप चार लाइनें तक लिखने के लिए तैयार नहीं ।