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Exclusive : देहरादून से बढ़ेगी भारतीय सेना के दो बड़े टैंकों की मारक क्षमता,रात के अंधेरे में दुश्मनों के लिए काल साबित होंगे दोनों टैंक

देहरादून । आत्मनिर्भर भारत की ओर रक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठा दिया है । भारतीय सेना का अत्याधुनिक T 90 टैंक अब पूरी तरह से भारत में होगा तैयार । भारतीय अत्याधुनिक T90 टैंक की मारक क्षमता अब भारत मे तैयार होने के बाद और भी ज्यादा बढ़ने जा रही है ।

देहरादून से मिलेगी भारतीय सेना को ताकत

कोविड-19 के माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत की बात कही थी यानी भारत अन्य देशों के बजाय खुद के संसाधनों पर ज्यादा मजबूती से खड़ा हो सकेगा । आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी बड़ी खबर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से आई है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में भारतीय सेना के हथियार तैयार किए जाते हैं । इनमें सबसे प्रमुख है भारतीय सेना के T72 और T90 टैंक्स। T 72 को अजेय और T90 को भीष्म भी कहा कहा जाता है। टैंक्स OLF देहरादून और OLF चेन्नई में तैयार किये जाते हैं। जिसके बाद चेन्नई से भारतीय सेना को भेजे जाते हैं। OLF देहरादून में टैंक्स का पूरा इलेक्ट्रॉनिक साइटिंग सिस्टम तैयार किया जाता है। जबकि टैंक का पूरा ढांचा चेन्नई में तैयार होता है। कुल मिलाकर कहें तो  देहरादून में भारतीय सेना के जो 2 बड़े टैंकों की  इलेक्ट्रॉनिक साइटिंग सिस्टम से मारक क्षमताा होगा जो दुश्मनों के लिए काल साबित होगा। 

रात का समय दुश्मनों के लिए बनेगा काल 

OLF देहरादून के जनरल मैनेजर शरद कुमार यादव ने बताया है कि 5 साल के भीतर OLF देहरादून भारतीय सेना को 464 T 90 टैंक्स बनाकर देगा। जिससे देश की सीमाएं भी और ज्यादा सुरक्षित होंगी। अभी 800 मीटर तक रात में दुश्मन को टैंक से देखा जा सकता है लेकिन इस नई तकनीक के बाद रात में भी टैंक के भीतर से 8 किलोमीटर दूर दुश्मन की हर हरकत को देखा और समझा जा सकता है। IRDE नई तकनीक का डिजाइन तैयार किया है और OLF इसका निर्माण कर रही है। अभी हर साल करीब 800 करोड रुपए रक्षा मंत्रालय की ओर से खर्च किए जा रहे हैं। इसके साथ ही नेवल शिप के लिए SREG स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन का इलेक्ट्रॉनिक साइट तैयार किया जाएगा। वही त्रिचनापल्ली में SREG गन तैयार की जाएगी।

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