बद्रीनाथ धाम पर स्वामी प्रसाद मौर्य का ज्ञान पड़ा फीका,सीएम धामी – महाराज के साथ कांग्रेस और मंदिर समिति ने भी मौर्य को उनके बयान पर घेरा
देहरादून। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के द्धारा बद्रीनाथ धाम को लेकर दिए गए बयान पर उत्तराखंड में चौरों तरफ उनके बयान और उनके ज्ञान पर सवाल उठने शुरू हो गए है। आपको बतादे कि स्वामी प्रसाद र्मौर्य ने बद्रीनाथ धाम को 8 वीं शताबदी तक बौध मठ करार दिया है। जिससे बाद में हिंदू तीर्थस्थल के रूप में बनाया गया। यही सच्च होने की पोस्ट भी उनकी वायरल हो रही है। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बद्रीनाथ धाम देशस विदेश के श्रद्धालूओं का आस्था का केंद्र है। इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी से आते है उस पार्टी के नेता अखलेश यादव है,और अखलेष यादव की पत्नी डिम्पल यादव तो उत्तराखंड से है,जिन्हे उत्तराखंड के रिती निती और धार्मिक स्थलों के बारे में भली भांती पता है। इसलिए डिम्पल यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य को इसकी जानकारी देनी चाहिए है,कि बद्रीनाथ धाम का क्या महत्व है। कब से धाम के स्थापना हुई है । मुख्यमंत्री धामी का ये भी कहना है कि स्वार्मी प्रसाद मौर्य जिस गठबंधन का हिस्सा है उस गठबंध के सहयोगी से ऐसे बयान आने की उम्मीद की जा सकती है,क्योंकि वह गठबंधन तुष्टीकरण की बात करता आया है और बांटने की बात करते । लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम में स्वामी है इसलिए उन्हे इस तरह के बयान देने से पहले सोचना चाहिए।
महाराज ने भी दिया ज्ञान
वहीं उत्तराखंड के पर्यटन,धर्मस्व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार किया है। सतपाल महाराज का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस तरह के बयान देते हैं। जबकि स्वामी प्रासद मौर्य को पता होना चाहिए कि बद्रीनाथ धाम सतयुग से आस्था का केंद्र है,और बौद्ध धर्म की स्थापाना तो सतयुग में तो हुई नहीं थी,इसलिए इस तरह के बयान को कोई महत्वह ही नहीं है ।
समिति के अध्यक्ष ने मानसिकता पर उठाएं सवाल
वही बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह उनकी मानसिकता के दिवालियापन का असर है । आदिकाल से ही हमारे पुराण में बद्रीनाथ धाम की मान्यता रही है,स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान हिंदू विरोधी नजर आ रहा है, इनका चरित्र हिंदू विरोधी रहा हैं।
कांग्रेस ने भी बयान पर उठाए सवाल
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने भी तीखी टिप्पणी करते हुए बयान की निंदा की है, करण माहरा का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए,ताकि उन्हें पता चले कि बद्रीनाथ धाम का क्या कुछ महत्व है,और यह उन्हें पता होना चाहिए कि बद्रीनाथ धाम को भगवान शिव ने विष्णु को सौंप था।