कैबिनेट फैसले के खिलाफ शिक्षक नेता हो रहे हैं मुखर,कोर्ट में जाने पर भी हो रहा है मंथन
देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट के द्वारा कल इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पदों को भरने को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है, जिसके तहत 50% पदों पर प्रधानाचार्य के पद सीधी भर्ती से भरे जाने पर मोहर लगी है,जिसके तहत प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 10 साल की सेवा पूरी कर चुके प्रवक्ताओं को मौका मिलेगा, और परीक्षा के माध्यम से इन पदों को भरा जाएगा,जबकि 50% पद प्रमोशन के आधार पर ही भरे जाएंगे । लेकिन l&t संवर्ग के शिक्षकों को सीधी भर्ती में मौका न दिए जाने से राजकीय शिक्षक संगठन मुखर होता हुआ नजर आ रहा है, राजकीय शिक्षक संगठन के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला का कहना है, कि शिक्षा विभाग के साथ जितनी भी बैठके शिक्षकों की हुई और उसमें जब भी प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती के जरिए 50% भरे जाने की बात कही गई तो उस समय शिक्षक संगठनों को भी आश्वस्त किया गया, कि एलटी संवर्ग के शिक्षकों को भी 50% सीधी भर्ती में मौका मिलेगा । लेकिन अब केवल प्रवक्ताओं को ही सीधी भर्ती में मौका दिए जाने से शिक्षकों में रोष है, इसलिए वह इस मामले को लेकर सरकार से अभी भी मांग कर रहे हैं कि इसको बदला जाए और एलटी संवर्ग के शिक्षकों को भी प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती में शामिल होने का मौका दिया जाए, यदि अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर न्यायालय में जाने पर भी विचार किया जाएगा।