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आजादी के अमृत महोत्सव पर भी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए शिक्षक,स्थानीय जनता में आक्रोश

देहरादून। आजादी के अमृत महोत्सव यानी कि देश की 75 वीं स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया तो, वही खबर देहरादून की जौनसार बावर क्षेत्र से जहां पर आजादी की पिक्चर तभी वर्षगांठ और अमृत महोत्सव के अवसर पर भी कई स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं पहुंच पाए जिससे क्षेत्रीय जनता में काफी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि सहिया और कालसी के बीच मोटर मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से कई शिक्षक 10:00 बजे तक सड़क मार्ग खुलने का इंतजार करते रहें ताकि वह स्कूल पहुंच संके।

भारत चौहान का कहना है कि अधिकांश शिक्षक राजधानी देहरादून से 80 किलोमीटर दूर जौनसार बावर क्षेत्र में रोजाना पढ़ाने के लिए आवागमन करते हैं,जिसकी वजह से शिक्षक समय पर कई बार स्कूल नहीं पहुंचते हैं और आजादी के अमृत महोत्सव पर जब देश भर में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा था,उस समय पर भी कई स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं पहुंचे। स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शिक्षकों के समय पर न पहुंचने को लेकर उन्होंने एसडीएम कालसी और देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी को भी फोन पर अवगत कराया है ताकि ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए जो स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समय पर स्कूल नहीं पहुंचे हैं।

वही अष्टी क्षेत्र के स्कूलों में भी शिक्षक लेट से पहुंचे जिसको लेकर क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है,कुछ दिनों पहले यहां की जूनियर हाई स्कूल का मामला सुर्खियों में आया था जब बीईओ मौके पर पहुंचे थे, और उन्होंने अध्यापक लक्ष्मीकांत को सस्पेंड भी किया था, लेकिन और फिर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक समय पर नहीं पहुंचे और दो में से एक अध्यापिका स्कूल पहुंची है,वह भी समय से बहुत दूर 11:30 बजे के लगभग, उधर दूसरी ओर हाई स्कूल में 6 का स्टाफ है जिसमें से दो लोग ही स्कूल में मौजूद रहे। उधर ग्रामीणों ने अध्यापकों को चेतावनी भी दी है कि अगर यदि वह समय पर अब स्कूल नहीं पहुंचते हैं,तो इस को लेकर विरोध तेज होगा। यहां तक की क्षेत्रीय जनता का कहना है कि यदि शिक्षक समय पर नहीं आते हैं तो इसको लेकर उग्र विरोध भी आगे देखने को मिलेगा। स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों में शिक्षकों के लेटलतीफी पहुंचने को लेकर प्रदीप सिंह तोमर पूर्व महासचिव छात्र संघ, नरेंद्र तोमर, शूरवीर तोमर, श्रीचंद तोमर,भगत सिंह,महेंद्र तोमर, शमशेर तोमर,विक्रम तोमर, सुंदर तोमर, गोपाल वर्मा, राहुल तोमर,पूर्ण सिंह तोमर,रवि तोमर,गुमान तोमर आदि ने भी विरोध दर्ज किया है।

 

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