उत्तराखंड से बड़ी खबर

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के फैसले पर शिक्षक संगठन ने उठाये सवाल,एलटी शिक्षकों की अनदेखी का लगाया आरोप

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में एक बार फिर एलटी शिक्षकों की अनदेखी को लेकर राजकीय शिक्षक संघ मुखर नजर आ रहा है। दरअसल उत्तराखंड के इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पदों को भरने को लेकर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का एक बयान सामने आया है,जिसमें उन्होंने प्रधानाचार्य के 50 फ़ीसदी पदों को सीधी भर्ती से किए जाने का निर्णय लिया है, और इस सीधी भर्ती में जो 50% पद भरे जाएंगे वह प्रवक्ता पदों पर 10 साल की सेवा पूरी कर चुके है उन प्रवक्ताओं को ही मौका मिलेगा। लेकिन राजकीय शिक्षक संगठन ने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को पत्र भेजा है, जिसमें राजकीय शिक्षक संगठन के महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने मांग की है कि प्रवक्ताओं के साथ एलटी शिक्षकों को भी प्रधानाचार्य के सीधे 50 फ़ीसदी भर्ती के पदों पर भी मौका मिले यदि अगर केवल प्रवक्ताओं को ही सीधी भर्ती में प्रधानाचार्य बनने का मौका मिलता है, तो यह एलटी संवर्ग के शिक्षकों के साथ न्याय नहीं होगा, क्योंकि अभी तक जो नियमावली है,उसके तहत प्रधानाचार्य के पदों पर नियुक्ति को लेकर कई नियम है, जो इस प्रकार है।

1. शिक्षा विभाग की प्रख्यापित सेवा नियमावली के अनुसार प्रधानाचार्य के पद पर 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले प्रधानाध्यापकों को 100 प्रतिशत पदोन्नति के द्वारा भरा जात। 
2. प्रधानाध्यापक के पद पर 55 प्रतिशत स०अ०एल०टी० एवं 45 प्रतिशत प्रवक्ता संवर्ग से पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान सेवा नियमावली में है।
3. प्रवक्ता के पदों पर 50 प्रतिशत नियुक्ति सीधी भती तथा 50 प्रतिशत स०अ०एल०टी० पदोन्नति के द्वारा होती है।
4. यदि सिर्फ 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके प्रवक्ताओं को ही विभागीय परीक्षा हेतु अर्ह माना जाता है तो विभाग में कार्यरत 80 प्रतिशत शिक्षक विभागीय परीक्षा से ( स०अ०एल०टी०. 2012 के उपरान्त सीधी भर्ती से नियुक्त प्रवक्ता एवं स०अ०एल०टी० से प्रदोन्नत प्रवक्ता) वंचित हो जायेगे। जो न्यायोचित नही है।

अतः अनरोध है कि विभागीय प्रस्तावानुसार 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से सिर्फ रा०मा० विद्यालयों में कार्यरत स०अ०एल०टी० एवं प्रवक्ताओं को प्रधानाध्यापक हेतु प्रख्यापित पदोन्नति नियमावली के अनुरूप विभागीय परीक्षा में प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाय।

बताया जा रहा है कि जो नहीं नियमावली सीधी भर्ती को लेकर बनाई जा रही है, वह जल्द ही कैबिनेट बैठक में आने जा रही है,ऐसे में देखना यहीहोगा कि आखिरकार राजकीय शिक्षक संगठन जो दबाव अब बनाने जा रहा है, क्या उसका शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत संज्ञान लेते हैं,और प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती को लेकर एलटी शिक्षकों को भी शामिल किया जाता है या फिर प्रवक्ताओं को ही प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती के लिए योग्य समझा जाता है।

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