कांग्रेस में मचे घमासान की लड़ाई पहुंची राम – बलराम के नाम तक,लेकिन कोन होगा सीएम का चेहरा बना हुआ है सवाल
देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी चेहरे को लेकर चल रही बहस को अनावश्यक बताते हुए कहा है कि कांग्रेस में यदि कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह राम है तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बलराम है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो विभिन्न स्थानों पर प्रेस वार्ता आदि करके आगामी विधानसभा चुनाव के नए चेहरे पर अनावश्यक बहस कर रहे हैं वह एक तरह से अनुशासनहीनता को ही दावत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि हरीश रावत ,नारायण दत्त तिवारी के अवसान के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं ।और जिनका पूरे राज्य में सम्मान है लेकिन उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विश्वास के प्रतीक हैं ।उनके प्रतिनिधि हैं तो पार्टी को इसी दृष्टि से देखा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष नेता इंदिरा ह्रदयेश राज्य के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं उन पर भी कई बार अनावश्यक टिप्पणियां की जा रही हैं। इस पर उन्होंने शोभ जताते हुए कहा कि इंदिरा ह्रदयेश गुरुजनों की नेता रही हैं और विपक्ष में रहते हुए उन्होंने शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया है ।अतः पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस बात से बचना चाहिए कि अनावश्यक विवाद खड़ा करके कांग्रेस की जो लोकप्रियता बढ़ रही है उसको नुकसान पहुंचे । इसका उन्हें हमेशा एहसास रहना चाहिए । धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पार्टी नेताओं के विचारों को देख रही है जो सोशल मीडिया में और प्रिंट मीडिया में अनावश्यक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। समय आने पर निश्चय ही यदि ऐसे तत्वों के विरूद्ध कार्रवाई होती है उन लोगों को समझना चाहिए कि गलती उन्हीं की है और वह जो भी कर रहे हैं वह पार्टी के भविष्य के हित में नहीं है।
चेहरे पर घमासान थमना मुश्किल
राम और बलराम में कोन 2022 में कांग्रेस का चेहरा होगा कांग्रेस के भीतर फिर भी चर्चा बनी हुई है,
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने भले ही प्रीतम सिंह को राम और हरीश रावत को बलराम बताया हो। लेकिन सवाल फिर से वही खड़ा होता है आखिर अगर कांग्रेस 2022 के लिए चेहरा माने तो किसे माने क्योंकि हरीश रावत गुट के कई विधायक और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने तो ऐलान कर दिया है कि 2022 का चुनाव हरीश रावत के चेहरे पर ही लड़ा जाए जबकि प्रीतम गुट के कई लोग खुलकर कह रहे हैं कि जब प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह है तो उन्हीं के चेहरे और नेतृत्व पर 2022 का चुनाव लड़ा जाएगा । ऐसे में भले ही धीरेंद्र प्रताप भगवान राम और बलराम के नाम पर इस असंतोष को खत्म करने को लेकर बयान दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस के भीतर 2022 में किसके नेतृत्व और चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा इसको लेकर जो घमासान मचा हुआ है वह इतनी आसानी से शांत होने वाला नहीं है माना तो यह भी जा रहा है कि जब तक हाईकमान इस मुद्दे का संज्ञान लेकर समाधान नहीं निकलता तब तक दोनों गुटों के नेता इसी तरीके से अपने अपने नेताओं को मुख्यमंत्री और चेहरे के रूप में देखते रहेंगे क्योंकि कांग्रेस में अनुशासन नाम की चीज कोई दिखाई नहीं देती क्योंकि मीडिया और सोशल मीडिया पर जिस तरीके से नेता खुलकर अपने नेता की पैरवी कर रहे हैं उसका संज्ञान कोई नहीं लेता वह नजर आ रहा है।
राम के नाम से प्रीतम होंगे सीएम चेहरा
वहीं अगर धीरेंद्र प्रताप के बयान पर गौर फरमाएं तो राम उन्होंने प्रीतम सिंह को कहा है और राम राज्य सभी को पता है कि आखिर भगवान राम ने किस तरीके से राज्य चलाया था, तो क्या धीरेंद्र प्रताप प्रीतम सिंह को राम का नाम देकर चेहरे की जो जंग छिड़ी हुई है उसमें प्रीतम को सीएम के चेहरे के रूप में मान रहे हैं।