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BJP विधायक ने जिस भ्रष्ट अधिकारी को ईमानदार बताकर तबादला रुकवया,वह भ्रष्टचार के आरोपों में हुआ निलंबित

देहरादू। हरिद्धार जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहृपाल सैनी के खिलाफ नैनीताल कोर्ट में भ्रष्टचार से जुड़े मामले पर चल रही जनहित याचिका की सुनावई पर गंभीर आरोपो ंके बाद उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने ब्रहृपाल सैनी को निलबिंत कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सैनी को निलंबित करने के आदेश भी जारी कर दिए है। ब्रहृपाल सैनी के खिलाफ कोर्ट में जनहिज याचिका दायर करने वाले हरिद्धार जिले के रूड़की निवासी पदम् कुमार ने 18 बिंदुओं के आरोप पत्र के साथ ब्रहृपाल सैनी के खिलाफ कोर्ट में तब जाकर याचिका दायर की जब उत्तराखंड सरकार और शिक्षा विभाग ब्रहृपाल सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने की बजाय उनको संरक्षण देती नजर आई । ब्रहृपाल सैनी पर ऐसे – ऐसे आरोप है यदि कोई उन आरोपों को मौखिक भी सुने तो लगेगा जीरो टाॅयरलेंस की सरकार में ऐसे अधिकारियों को भी राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। लेकिन यह सच्चाई है कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को अंजाम देकर ब्रहृपाल सैनी अपनी पोस्टिंग मनवाही जगह करता आया है। पिछले कई सालों से ही एक ही जिले में जमे रहने से आंदाजा लगाया जा सकता है कि एक ही जगह जमकर किस तरह ऐसे भ्रष्ट अधिकारी अपनी काली कमाई कर रह है और उत्तराखंड भाजपा के विधायक उन्हे संरक्षण प्रदान कर रहे है।

देशराज कर्णवाल भ्रष्ट अधिकारी के साथ

आपको बतादे के ब्रहृपाल सैनी के खिलाफ पहली बार शिकायतें प्राप्त नहीं हुई,कई सालों से उनकी शिकायते मिल रही थी,इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 26 दिसम्बर 2016 को उनका तबादला बागेश्वर में कर दिया गया,लेकिन झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को उनका तबादला होना राश नहीं आया ,देशराज कर्णवाल अपनी ही सरकार के द्धारा लाए गए ताबदला कानून को भी भूल गए,जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि गृह जनपद में किसी भी हाल में अधिकारी को अपने गृह जनपद में नियुक्त नहीं मिल सकती। लेकिन देशराज कर्णवाल की पहुंच ताबदला एक्ट पर भारी पड़ गई और उन्होने ब्रहृपाल सैनी का तबादला निरस्त करवा दिया। 26 दिसम्बर 2016 को ब्रहृपाल सैनी का तबादला हुआ और 27 दिसम्बर को देशराज कर्णवाल ने शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर अलौख को भेजा और 27 दिसम्बर को ब्रहृपाल सैनी के तबादले निरस्त करने का आदेश जारी हो गया।

आरएसएस से जुडे होने का मिला लाभ

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में ब्रहृपाल सैनी भ्रष्ट अधिकारियों में सबसे उपर होंगे कहें तो गलत नहीं होगा,लेकिन जीरो टाॅयरलेंस की सरकार में उनका भ्रष्टाचार सरकार को इसलिए शायद नहीं दिखाई दिया,क्योंकि ब्रहृपाल सैनी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे रहे है। और ये हम नहीं भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल का वह पत्र बता रहा है,जो देशराज कर्णवाल ने ब्रहृपाल सैनी के ताबदले को निरस्त करने के लिए लिखा था। उसमे भाजपा विधायक ने ब्रहृपाल सैनी को इमानदारी का तमका तो दिया ही साथ में ही इस बात की भी जिक्र किया कि ब्रहृपाल सैनी लम्बे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ जुड़े रहे है और सघं के मिशन को पूरा करने में योगदान भी दिया है। 

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