हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी का साहसिक कदम,प्राईवेट स्कूल पर लगया 1 लाख का जुर्माना,बिना मान्यता के चल रहा था स्कूल
हरिद्वार । उत्तराखंड में कई प्राइवेट स्कूल उन नियमों को भी नही मानते है जो RTE एक्ट के तहत आते है । जी हाँ उत्तराखंड में कई स्कूल ऐसे है जो बिना शिक्षा विभाग की मान्यता के चल रहे है और शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे स्कूलों के खिलाफ़ कोई एक्शन नही ले पा रहे है,लेकिन देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भारद्वाज ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ मामला खोल दिया है जो हरिद्वार जिले में बिना शिक्षा विभाग की मान्यता के चल रहे है,जी हाँ इसकी शुरुवात हरीद्वार के दून कैम्बीज स्कूल से हो गयी है,जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 1 लाख रुपये का जुर्माना सरकार के राजकीय कोष यानी कोशगार में जमा करने के दे दिए है,स्कूल हर दिन 10 दिनों तक 10 हजार रुपये का जुर्माना भरेगा और ऐसा न करने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है,मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भरद्वाज का कहना है अभी एक स्कूल का मामला उनके संज्ञान में आया है,बाकी स्कूलों की जांच कराई जा रही है,जिन स्कूलों ने शिक्षा विभाग से मान्यता नहीं ली गई उनके खिलाफ वह जुमार्ना लगाएंगे। मुख्यशिक्षा अधिकारी का कहना है कि आरटीई एक्ट 2009 की धारा 19 (2) में प्रावधान है कि हर 3 साल में प्राइवेट स्कूलों को शिकध विभाग से मान्यता लेनी होती है,जिसके तहत विभाग हर तीन साल आरटीई एक्ट के तहत मानकों का परीक्षण करता है,मानकों पूरा न करने पर स्कूल की मान्यता विभाग रदद् कर सकता है,लेकिन स्कूल मान्यता लेने से ही परहेज कर रहे है ऐसे में स्कूलों पर आर्थिक दंड का प्रवाधान किया गया है। दून कैम्बीज स्कूल पर भी आर्थिक दंड लगाया गया है,आर्थिक दंड न देने पर स्कूलों के खिलाफ कानूनी कर्रवाई की जाएगी ।
प्रदेश में कई स्कूलों ऐसे है जो बिना मान्यता के चल रही है
हरिद्वार के दून कैम्बीज स्कूल एक मात्र स्कूल नही है जो प्रदेश भर शिक्षा विभाग की मान्यता के चल रहे है प्रदेश में ऐसे कई स्कूल मिल जाएंगे जो बिना मान्यता के चल रहे है। ऐसे में अगर शिक्षा विभाग जांच कर ले तो सरकार के राजस्व को भी बड़ा फायदा हो सकता है जो कोरोना माहमारी के इस दौर में राजस्व वसूली के लिए बड़ा जरिये बन सकता है, क्योंकि एक तरफ जहां सरकार इस बात की चिन्तानकर रही है कि सरकार के पास कमाई के सीमित साधन है ऐसे स्कूलो पर कार्रवाई करके भी सरकार राजस्व कमा सकती है,और स्कूलों को भी नियमों का पालन करा सकती है जो न तो सरकार को कुछ समझते है न नियमो को। बताया जा रहा है कि देहरादून के नामी स्कूल का स्कूल है जिसकी उत्तराखंड सरकार में सीधी पकड़ हैं,और कुछ दिन पहले स्कूल संचालक मुख्यमंत्री राहत कोष में लाखों की राशि जमा भी जमा कर चुका है।