जिस चिंता को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री ने दिया धरना,उसी चिंता को लेकर टल गया सीएम का शिक्षकों के साथ संवाद कार्यक्रम
देहरादून । शिक्षक दिवस के अवसर पर वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री का संवाद शिक्षकों से होना था, लेकिन देहरादून स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में वर्चुअल क्लासरूम स्टूडियो से होने वाले संवाद को सरकार ने इसलिए डाल दिया है क्योंकि वर्चुअल क्लासरूम स्टूडियो का एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है जिसकी वजह से शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री का संवाद टल गया है, लेकिन दूसरी तरफ पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों के साथ शिक्षक दिवस पर हो रहे इस संवाद को लेकर आज अपने आवास पर धरना दिया गया मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना था कि कोरोनावायरस इस महामारी के दौरान यदि शिक्षकों को वर्चुअल क्लासरूम में बुलाया जाता है तो इससे कहीं ना कहीं कोरोनावायरस महामारी का खतरा बढ़ जाएगा इसलिए इस संवाद को सरकार को टाल देना चाहिए। नैथानी का कहना था कि शिक्षक दिवस पर प्रदेश के शिक्षकों को सैकड़ों की संख्या में वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उनको संबोधित करना कोरोना संक्रमण को न्योता देना है। साथ ही इस प्रकार से संबोधन करने का औचित्य भी क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री कोरोना काल में कोविड- 19 की गाइडलाइन के विरुद्ध कार्य कर शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। शिक्षा मंत्री के इस फैसले को निरस्त करने की मांग को लेकर मैं आप एक दिवसीय धरने पर बैठा हूं। पूर्व मंत्री ने कहा कि जिस दौर में कोरोना का विस्फोट और भी बढ़ रहा है ऐसे समय में शिक्षकों को वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उनको डेंजर जोन में ले जाना कहां तक उचित है। अच्छा होता कि शिक्षा मंत्री जी शिक्षकों को एक जगह इक्कट्ठा करने के बजाय किसी और माध्यम से अपना संबोधन करते। जब प्रधानमंत्री जी अपना संबोधन अन्य माध्यमों से कर सकते हैं तो क्या शिक्षा मंत्री जी नहीं कर सकते। कांग्रेस पार्टी सरकार के इस दंडात्मक रवैये के फैसले का विरोध करती है।
नैथानी की चिंता टल गया कार्यक्रम
पूर्व शिक्षा मंत्री प्रसाद नैथानी ने जिस चिंता को लेकर आज धरना दिया । आखिरकार उसी चिंता को देखते हुए सरकार ने शिक्षकों के साथ होने वाले मुख्यमंत्री के संवाद को टाल दिया। क्योंकि वर्चुअल क्लासरूम के स्टूडियो में एक कर्मचारी कोरना पॉजिटिव पाया गया है । जिस वजह से कार्यक्रम को टाल दिया गया है । इसे मंत्री प्रसाद नैथानी की चिंता कहीं या फिर सियासी कदम जो उन्होंने शिक्षकों की चिंता को लेकर धरना दिया । लेकिन उनकी जो चिंता थी वह कहीं तक जायज भी थी । क्योंकि कोरोनावायरस के मामलों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना अब बेहद जरूरी है, और शिक्षा विभाग के एनसीईआरटी निदेशालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने की वजह से आज एनसीआरटी निदेशालय में कोरोना का खौफ कर्मचारियों में देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से कर्मचारियों को work-from-home के आदेश भी दे दिए गए हैं।