जिस कम्पनी को बिहार में ब्लैक लिस्टेड करने साथ FIR की गई दर्ज,उसको उत्तराखंड में मिल गया ठेका,शिकायत हुई दर्ज
देहरादून । उत्तराखंड में कई तरीके से ठेके हासिल करने वाली स्पान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। जी हां चमोली जनपद के माणा के पास मूसा पानी पर चीन बॉर्डर के समीप सड़क निर्माण के कार्यों में अनियमितताओं और मानकों पर खरा न उतरने को लेकर कंपनी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जी हां कंपनी के खिलाफ शिकायतकर्ता सतीश कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों के तहत जिस भूमि पर कंपनी के द्वारा अपना हॉट मिक्स प्लांट लगाया गया है। वह वन भूमि पर लगाया गया है जबकि यह माफ भूमि पर लगाया जाना चाहिए । हॉट मिक्स प्लांट की खास बात यह है कि कंपनी ने इसके लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी नहीं लिया । शिकायतकर्ता ने कंपनी के पास कोई लेबर लाइसेंस न होने को लेकर और पीएफ न दिए जाने की भी शिकायत की है। इन्हीं शिकायतों को लेकर शिकायतकर्ता ने बीआरओ से कंपनी की शिकायत की है। जबकि सबसे खास बात यह है कि चीन बॉर्डर पर बन रही सड़क में मैटल बीम क्रैश बैरियर लगाए जाने हैं, जिन में भारी अनियमितता का आरोप शिकायतकर्ता के द्वारा लगाया गया है, शिकायतकर्ता का कहना है कि आईआरसी कोड के अनुसार मैटल बीम क्रैश बैरियर लगाए जाते हैं। जिसमें कोड के अनुसार पोस्ट 2100 मिमी लगानी थी,परंतु कंपनी के द्वारा अट्ठारह सौ और 2000 मी मी की पोस्ट लगाई गई है जिसके कागज व संलग्न बीआरओ को कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की जांच बीआरओ से करने की मांग की है शिकायतकर्ता का कहना है कि कंपनी की नियत काम करने की नहीं है जो भी है प्रोजेक्ट बॉर्डर रोड का है और कंपनी खराब कार्य करके समय बिताकर समय खराब करना चाहती है यह भी बताना वह चाहते हैं कि कंपनी ने आज तक कहीं भी कोई कार्य समय पर पूरा नहीं किया इस लिए कंपनी की जांच करते हुए देश हित में फैसला ले लिया जाए। वहीं कंपनी के मालिक से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह जो सड़क बना रहे हैं उसमें पूरी गुणवत्ता बढ़ती जा रही है साथ ही प्रदूषण विभाग के द्वारा हॉट मिक्स प्लांट का भी सर्टिफिकेट उनके पास है लेकिन कंपनी के मालिक के द्वारा वह सर्टिफिकेट हमारे कहने पर उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे में मामला गंभीर प्रतीत होता है जो शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत की गई इसलिए इस मामले की जांच की जाना बेहद आवश्यक है क्योंकि यह सेना से जुड़ा हुआ भी मामला है क्योंकि सेना को ही इस सड़क पर ज्यादा आवाज ही करनी है और उसमें यदि कोई अनियमितता बढ़ती जाती है तो वह देश की सुरक्षा से भी खिलवाड़ होगा।
सड़क टेंडर प्रक्रिया पाने में भी शिकायत
स्पान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर एक ही नहीं कई ऐसी शिकायते है जिसको लेकर कम्पनी पर fir दर्ज किए जाने की मांग की जा रही है। रुद्रप्रयाग में एनएच 107 A पर कंपनी पर तथ्यों को छुपा कर ठेका लेने का आरोप लगा है । जिसमें शिकायतकर्ता अनिरुद्ध शर्मा ने कंपनी का टेंडर निरस्त करने की मांग के साथ कंपनी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है । शिकायतकर्ता अनिरुद्ध शर्मा का कहना है कंपनी बिहार में भी सड़क बनाने का काम करती है। लेकिन खराब गुणवत्ता और बिलों में हेराफेरी को लेकर बिहार सरकार ने स्पान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 10 सालों के लिए ब्लैक लिस्टेड किया है। साथ ही f.i.r. भी कंपनी के खिलाफ दर्ज की गई है। शिकायत कर्ता अनिरुद्ध शर्मा का कहना है,कि उत्तराखंड पीडब्ल्यूडी विभाग को उन्होंने इस बात की जानकारी शिकायत के रूप में दे दी है। कि स्पान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड घटिया निर्माण के लिए जानी जाती है, जिसको लेकर बिहार में कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है इसलिए उत्तराखंड में भी कंपनी को ठेका नहीं मिलना चाहिए था। क्योंकि ठेका पाने के लिए कंपनी ने झूठा शपथ पत्र ठेका पाने के लिए जमा कराया। बिहार में कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है इसलिए रुद्रप्रयाग में एनएच 107 A पर जो ठेका कंपनी को दिया गया है उसे पीडब्ल्यूडी विभाग को निरस्त करना चाहिए और कंपनी पर 420 के तहत तथ्य छुपाकर ठेका हासिल करने के लिए मुकदमा दर्ज करना चाहिए । इतना ही नही शिकायतकर्ता अनिरूद्ध शर्मा ने मुख्य सचिव से भी 7 बिंदुओं पर कंपनी के खिलाफ जांच करने की मांग की है।