बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बढ़ सकती है आगे या बिना रावल के खुलेंगे कपाट,केदारनाथ धाम के कपाट खोलने पर भी हो रहा है मंथन
देहरादून । 26 अप्रैल से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की शुरुवात होने जा रही है,लेकिन विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के चलते इस साल उत्तराखंड में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा बिना श्रद्धालुओं के शुरू होने जा रही है,जी हाँ ये एक सत्य है क्योंकि 3 मई तक पूरे देश मे लॉक डाउन के चलते जहाँ आवाजाही पर पूरी तरह पाबन्दी है वही उत्तराखंड के चारों धामो में भी श्रद्धालु दर्शन नही कर पाएंगे क्योंकि उत्तराखंड सरकार ने साफ कर दिया है कि आम जनता के लिए धार्मिक स्थानों पर आम जनता के लिए प्रतिबंधित किया है,इसलिए आम जनता भी चारधाम यात्रा शुरू होने पर चारों धामों के दर्शन नही कर पाएंगे।
कैसे खुलेंगे बद्री केदार के कपाट चल रहा है गहन मंथन
कोरोना महामारी के बीच लॉक डाउन में ही जहाँ चार धामों के कपाट खुलने है तो वही गंगोत्री और यमनोत्री धाम के कपाट खुलने में किसी तरह कोई शंका किसी के मन मे नही है,लेकिन भगवान बद्रीनाथ और बाबा केदारनाथ धाम के कपाट कैसे खुलेंगे इस पर सभी के मन मे शंशय पैदा हो गया है,क्योंकि बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुलने के समय दोनों धामों के रावल की मौजूदगी होने आवश्यक है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से अब ऐसा लग रहा है कि इस बार दोनों धामों को खुलने के समय शायद ही रावल उपस्थिति रहें, और ये कथन इस ये उठा रहा है क्योंकि आज हुई उत्तराखंड मंत्री मंडल की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई है,जिसमे ये निर्णय मंत्री परिषद ने लिया हैं कि यदि दोनों धामों के रावल उत्तराखंड पहुंचते है तो दोनों रावल को पहले कोरोनटीन किया जएगा,ऐसे में अगर दोनों रावल 14 दिन भी कोरोनटीन रहते है तो दोनों धामो के कपाट खुलने की तिथि चले जाएगी,मंत्री परिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार इस पर भी चर्चा कर रही है दोनों धामों के रावलों को सड़क मार्ग से आने की व्यवस्था की जाए,लेकिन उत्तराखंड पहुंचने पर दोनों धामों के रावलों को कोरोनाटीन किया जाएगा,पत्रकारों के द्वारा सवाल उठाने पर कि अगर सरकार के द्वारा दोनों रावलों को आने पर ही कोरोनटीन किया जाएगा तो फिर कैसे रावल कपाट खोलेंगे ऐसे में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जवाब दिया कि केदारनाथ धाम के कपाट रावल की गैरमौजूदगी में नॉमिनेट व्यक्ति के द्वारा खोले जा सकते हैं वही बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने के बारे में मदन कौशिक ने कहा कि यदि अगर टिहरी राजपरिवार बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि को आगे बढ़ा दे तो फिर बदरीनाथ के रावल ही कोरोनटीन होने के बाद कपाट खोल सकते हैं। लेकिन यदि अगर तिथि नहीं बढ़ती है तो फिर नॉमिनेट ही बद्रीनाथ के कपाट तय तिथि पर खोले जाएँगे ।
30 अप्रैल तक खुलने है चारों धामों के कपाट
आपको बतादे की 26 अप्रैल को जहां गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने हैं,वहीं 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ की तो 30 अप्रैल को बद्रीविशाल के कपाट खुलने। ऐसे में देखना ये होगा कि जब इस बार बाबा केदार नाथ और भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ के कपाट खुलते है तो दोनों धामों के रावल उस समय मौजूद रहते है फिर कोई ऐसे व्यवस्था अपनायी जाती है जिसके तहत बिना रावलों की मौजूदगी में दोनों धामों के कपाट खुलते है ।